शनिवार, 28 जनवरी 2023

सूरजपुर में पुलिस अनुभाग स्तर पर पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को साइबर प्रहरी, बीट प्रणाली व आई रेड के बारे में दिया जा रहा प्रशिक्षण

सूरजपुर। पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज श्री रामगोपाल गर्ग (भा.पु.से.) के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में सूरजपुर पुलिस के साइबर प्रहरी कार्यक्रम, बीट प्रणाली एवं आई रेड का प्रशिक्षण का आयोजन पुलिस अनुभाग स्तर पर किया गया जहां साईबर सेल की टीम के द्वारा इन विषयों पर थाना-चौकी में पदस्थ पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया। जिले में चलाए जा रहे साइबर प्रहरी कार्यक्रम एवं बीट प्रणाली को और सशक्त बनाने एवं लोगों को साइबर अपराध से बचाव कैसे की जाए, इन विषयों पर पुलिस अधिकारी व जवानों को प्रशिक्षित करने शनिवार को थाना भवन ओड़गी में एसडीओपी राजेश जोशी की मौजूदगी में साईबर सेल प्रभारी एसआई नीलाम्बर मिश्रा के द्वारा साइबर प्रहरी, बीट प्रणाली एवं आई रेड का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान प्रमुख रूप से आधुनिक दौर में किस प्रकार धोखेबाज कैसे किसी नागरिक को लालच का जाल बिछाकर धोखाधड़ी को अंजाम देता है, बचाव के क्या-क्या उपाए है, क्षेत्र के लोगों को साइबर अपराध से बचाव की दिशा में कैसे बेहतर कार्य किए जाए इसके बारे में विस्तार से बताया गया। इस प्रशिक्षण की मॉनिटरिंग अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह के द्वारा की जा रही है। थाना क्षेत्र में बीट प्रणाली के औचित्य एवं प्रत्येक गांव मोहल्ले की छोटी-छोटी घटनाओं की जानकारी सहित महत्वपूर्ण विषयों तथा प्रत्येक गतिविधियों से अपडेट रहने, ग्रामीणों की समस्याओं को जानने एवं निराकरण करने संबंधी बातों को बताया गया। आई-रेड के ड्रिस्टिक रोलआउट मैनेजर जयप्रकाश मेश्राम ने जिले में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का आई-रेड (इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) ऑनलाईन मोबाईल अथवा कम्प्यूटर में इंट्री शत-प्रतिशत कैसे की जाए इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण में थाना ओड़गी, चांदनी, झिलमिली, चौकी चेन्द्रा, मोहरसोप, कुदरगढ़ के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। इसी क्रम में बीते दिन थाना प्रतापपुर में एसडीओपी प्रतापपुर अमोलक सिंह के दिशा निर्देश में थाना प्रतापपुर, चंदौरा, भटगांव, रमकोला, चौकी रेवटी, खड़गवां के पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।