सोमवार, 2 जनवरी 2023

हत्यारे पुत्र को थाना विश्रामपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार

सूरजपुर। दिनांक 01.01.2023 को ग्राम सरस्वतीपुर निवासी सर्जुन सिंह ने थाना विश्रामपुर में सूचना दिया कि दिनांक 31 दिसम्बर के शाम को गांव का ठाकुर उर्फ देवनाथ इसके घर पर आकर बताया कि इसके पिता फेंकू सिंह के घर के आंगन में इसका बड़ा भाई अर्जून सिंह के द्वारा पिता फेंकू सिंह से मारपीट किया है जिस कारण वे बेहोश आंगन में पड़ा है। दोस्त व परिजन के साथ जाकर देखे तो फेंकू सिंह पीठ के बल चित्त हालत में पड़ा था जिसे यह छुकर देखा तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी। घटना के बारे में पूछने पर बताया कि यह तथा अर्जुन, फेंकू सिंह व 1 अन्य व्यक्ति चारों फेंकू सिंह के आंगन में बैठकर शराब पी रहे थे। फेंकू के द्वारा एक लोटा शराब निकाला जिसे अर्जुन के द्वारा पूरा पी लिया गया तब फेंकू के द्वारा अर्जुन को कहा गया कि पूरा शराब पीना था तो दोनों को लेकर क्यों आए हो, कहकर घर से आधा लोटा शराब लाया जिसे ठाकुर, फेंकू व 1 अन्य व्यक्ति के द्वारा सेवन कर लिये अर्जुन को पीने को नहीं दिए जिस कारण अर्जुन नाराज होकर अपने पिता से शराब की मांग कर शराब खत्म होने की बात पर अपने पिता फेंकू सिंह को हाथ मुक्का से मारपीट करते हुए अधजले लकड़ी व दरवाजा के हटका से मारपीट कर हत्या कर दिया। सूचना पर मर्ग कायमी उपरान्त अपराध क्रमांक 2/23 धारा 302 भादस. के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। मामले की सूचना पर पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू ने प्रकरण के आरोपी की अविलम्ब गिरफ्तारी करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह व सीएसपी जे.पी.भारतेन्दु के मार्गदर्शन में थाना विश्रामपुर पुलिस ने आरोपी अर्जुन सिंह पिता स्व. फेंकू सिंह उम्र 25 वर्ष निवासी सरस्वतीपुर को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया। पूछताछ पर आरोपी ने अपने पिता की हत्या करना स्वीकार किया। आरोपी के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त आलाजरब जप्त कर उसे गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी विश्रामपुर के.डी.बनर्जी, एएसआई अरूण गुप्ता, सोहन सिंह, प्रधान आरक्षक इन्द्रजीत सिंह, अविनाश सिंह, विकास सिंह, आरक्षक रविशंकर पाण्डेय, राकेश यादव, प्यारे राजवाड़े, मनोज शर्मा, विजय साहू, मुकेश साहू, अभिमन्यु पैंकरा, खेलसाय व योगेश्वर पैंकरा सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।