सूरजपुर। ग्राम सुमेरपुर रामानुजनगर निवासी फुलबसिया ने थाना प्रेमनगर पुलिस को सूचना दिया कि 5 सितम्बर को बस से अपने घर जाते समय बस में भीड़ था उसके अगल-बगल में करीब 5-6 महिलाएं खड़ी थी जैसे ही प्रेमनगर साप्ताहिक बाजार के पास बस रूकी उसी समय बगल में खड़ी महिलाओं में से एक महिला ने इसके पहने हुए सोने के 2 मोहरों को चोरी कर लिया और बस से उतर कर भागने लगी, हल्ला करने पर ग्रामीणों के सहयोग से उस महिला को पकड़ा गया। मामले की सूचना पर पाकर थाना प्रेमनगर की पुलिस फौरन मौके पर पहुंची और पकड़े गए महिला राधा गिरी पति शिवप्रसाद उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम कोनकोना, थाना बांगो, जिला कोरबा से बारीकी से पूछताछ किया। पूछताछ पर आरोपी महिला ने बताया कि समूह में एक साथ 5-6 महिलाएं निकलती है और भीड़-भाड़ वाले स्थान में सोने-चांदी के जेवर पहने लोगों पर इनकी निगाहे रहती है, बस में सफर अथवा बाजार में भीड़-भाड़ का फायदा उठाकर धक्का मुक्का कर ध्यान भटकाकर चोरी कर वहां से फरार हो जाते है। पूर्व योजना के मुताबिक जो चोरी करता है उसके पकड़े जाने पर समूह की महिलाएं उसे बचाने के लिए वहां पहुंच जाती है जिससे चोरी की वस्तु को छिपाने का मौका मिल जाता है। चोरी की इस वारदात को अपने 5 महिला साथियों के साथ मिलकर अंजाम देना स्वीकार किया। मामले की सूचना पर पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने थाना प्रभारी को चोर गिरोह के महिला सदस्यों की पतासाजी कर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोने की मार्गदर्शन में मौके पर पहुंची थाना प्रेमनगर की पुलिस ने इस चोरी के मामले में संलिप्त आरोपी सोनिया पति कृष्ण गिरी उम्र 20 वर्ष, कौशल्या पिता कलेशर गिरी उम्र 25 वर्ष, धर्मी पति अनिल गिरी उम्र 21 वर्ष, रतनी पति राजकपूर गिरी उम्र 25 वर्ष एवं अंजली पति मनोज गिरी उम्र 21 वर्ष सभी निवासी ग्राम कोनकोना, थाना बांगो, जिला कोरबा को साप्ताहिक बाजार में घेराबंदी कर पकड़ा। आरोपियों के निशानदेही पर चोरी की 2 सोने की मोहर कीमत करीब 50 हजार रूपये का जप्त कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी प्रेमनगर विपिन लकड़ा, एसआई निर्मल प्रसाद राजवाड़े, महिला प्रधान आरक्षक संतोषी वर्मा, आरक्षक बेचू सोलंकी, चंद्रकांत बिजनेर, सोहन सिंह, महिला आरक्षक सविता साहू व सिंधू कुजूर सक्रिय रहे।
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'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।