रविवार, 7 अगस्त 2022

अब गुनहगारों पर रहेगी हाईटेक पुलिस की नजर थानों में पदस्थ आरक्षकों को दिलाई जा रही है कम्प्यूटर की ट्रेनिंग


सूरजपुर। पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू के निर्देश पर अब थाना-चौकी में पदस्थ आरक्षकों को पुलिस की कार्यप्रणाली में सूचना प्रौधोगिकी की क्षमता बढ़ाने के लिए क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) सहित कम्प्यूटर का बेसिक प्रशिक्षण पुलिस कन्ट्रोल रूम सूरजपुर में एसआई नीलाम्बर मिश्रा एवं प्रधान आरक्षक मनीष पन्ना, सीसीटीएनएस की टीम से विनयदान व मिथिलेश के द्वारा दिया जा रहा है। 
            पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब गुनहगारों का बचना इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि अब गुनाह करने वालों पर हाईटेक पुलिस की नजर रहेगी। सीसीटीएनएस में ऑनलाईन प्रथम सूचना पत्र के दर्ज होते ही अपराधी की सारी जानकारी सर्वर में अपलोड हो जाती है और एक क्लीक में पूरी जानकारी हमें मिल जाती है। कर्मचारियों को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है ताकि थाना-चौकी के कार्यो एवं जानकारी तैयार करने में गुणवत्ता आएगी और कम समय में जानकारी तैयार की जा सकेगी। 

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।