रविवार, 7 अगस्त 2022

सूरजपुर पुलिस ने किया स्कूलों में साईबर क्राईम जागरूकता पर कार्यशाला का आयोजन



सूरजपुर। पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू के निर्देश पर पुलिस अधिकारियों के द्वारा साईबर क्राईम जागरूकता पर कार्यशाला का आयोजन कर छात्र-छात्राओं को साईबर अपराध से बचने के तरीके के साथ ही साईबर फ्राड होने पर किस प्रकार हानी से बचा जा सकता है इसके बारे में अवगत कराया जा रहा है। बीते दिन साईबर सेल प्रभारी नीलाम्बर मिश्रा व एएसआई बबीता यादव के द्वारा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय बसदेई एवं शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सूरजपुर में साईबर क्राईम जागरूकता हेतु कार्यशाला का आयोजन किया। इस दौरान साईबर सेल प्रभारी ने आर्थिक और सामाजिक अपराध और उनमें कम्प्यूटर, मोबाइल व इंटरनेट का प्रयोग करके अपराधी प्रवृत्ति के लोग नागरिकों की जीवन भर की कमाई कैसे ठगी कर रहे है उसकी बारे में जानकारी दिया। महिलाओं को परेशान करने व अपमानित करने के लिए भी असामजिक तत्व सोशल मिडिया का प्रयोग कर रहें हैं। फर्जी नंबरों से फोन काल, नकली बैंक अधिकारी बन लोन फ्राड, केवाईसी सत्यापन के नाम पर आनलाइन ठगी जैसे अपराध घटित हो रहे है। इन सभी अपराधों के मूल में पीड़ित की अज्ञानता अथवा लालच ही पहला चरण होता है। उन्होंने कहा कि हमें किसी लालच में नहीं आना है, झांसे में आकर किसी प्रकार की ओटीपी, एटीएम कार्ड पिन नंबर की जानकारी किसी के साथ झांसा नहीं करना है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को लगन व निष्ठा के साथ पढ़ाई करने की समझाईश भी दी। यातायात नियम, महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानूनों, विधिक जानकारियों से अवगत कराते हुए कहा कि पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है, किसी प्रकार की समस्या होने पर अवगत कराए। ठगी होने पर तत्काल नकदीकी पुलिस थाना, CYBERCRIME.GOV.IN अथवा हेल्पलाईन 1930 पर शिकायत दर्ज कराने को कहा।
                एएसआई बबीता यादव ने छात्राओं को महिला सुरक्षा के लिए उपयोगी अभिव्यक्ति ऐप के बारे में अवगत कराया बल्कि शिक्षकों व छात्राओं को अभिव्यक्ति ऐप मोबाईल में डाउनलोड करवाया और उसके इस्तेमाल की जानकारी दी। इस दौरान प्राचार्य शंभू प्रसाद, अन्नू काण्डे, रामचंद्र प्रसाद सोनी, आरक्षक विनोद सारथी, महिला आरक्षक शिवकुमारी, स्कूल के शिक्षकगण मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।