सूरजपुर। विश्रामपुर पुलिस ने संवेदनशीलता दिखाते हुए एक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला को घुमते पाए जाने पर तत्परतापूर्वक उसके परिजन की तलाश कर उसे परिजनों को सौंप दिया है। दरअसल मंगलवार को एक विक्षिप्त महिला विश्रामपुर में भटकते दिखी जिस पर थाना प्रभारी ट्रेनी आईपीएस संदीप कुमार पटेल ने उसके परिजनों की सामान्य जानकारी ली और उसके बोलचाल व हावभाव से कुसमी क्षेत्र का होना प्रतीत हुआ कुछ देर बाद और जानकारी लेने पर उसने अपना नाम गंगोत्री बताया इसी आधार पर पुलिस ने उसके पति सत्येन्द्र पैंकरा निवासी कुसमी से सम्पर्क किया जिसने बताया कि पत्नी को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर लाया था जहां से वह कहीं चली गई थी जिसकी वह खोजबीन कर रहा था। उसने आग्रह किया कि पत्नी को अम्बिकापुर अस्पताल तक पहुंचा दिया जाए। थाना प्रभारी ने संवेदनशीलता दिखाते हुए महिला आरक्षक के साथ मानसिक रूप से कमजोर उस महिला को जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर में उसके पति के पास भेज कर सुपुर्द कराया। इस दौरान एएसआई अशोक तिर्की, आरक्षक मोहम्मद अकरम व महिला आरक्षक तेरेसा तिग्गा सक्रिय रहे।
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'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।