सोमवार, 30 मई 2022

सूरजपुर पुलिस ने चलाया ओव्हर लोड़ वाहन चेकिंग का सघन अभियान। 13 ओव्हर लोड़ पर कार्यवाही कर 1 लाख 76 हजार रूपये का लिया गया समन शुल्क।







यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले 157 वाहन चालकों के विरूद्ध भी हुई एमव्ही एक्ट की कार्यवाही, 108300 रूपये वसूल की गई समन शुल्क।

सूरजपुर। सड़क हादसों में कमी लाने के उद्देश्य से सूरजपुर जिला पुलिस ने भारी वाहनों पर अभियान चलाकर कार्यवाही किया है। पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू के निर्देश पर जिले के थाना-चैकी व यातायात पुलिस द्वारा विभिन्न जगहों पर भारी वाहनों की सहित यातायात नियमों के उल्लघंन करने वाले वाहन चालकों के विरूद्व मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्यवाही किया जा रहा है।
        पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर के मार्गदर्शन में अभियान के तहत पुलिस राजपत्रित अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस द्वारा बीते दिन थाना-चैकी की पुलिस टीम के द्वारा विभिन्न स्थानों पर 990 भारी एवं छोटे वाहनों को चेक किया गया। चेकिंग के दौरान 13 वाहनों को ओव्हर लोड पाया गया इन 13 वाहनों पर कार्यवाही करते हुए 1 लाख 76 हजार रूपये का समन शुल्क अर्जित किया है। इसके अलावा दो पहिया वाहन में तीन सवारी, बिना कागजात, बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, बिना बीमा व नंबर के वाहन चलाने, तेज गति से वाहन चलाने वाले 144 वाहन चालकों के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 1 लाख 8 हजार 300 रूपये का समन शुल्क शुल्क प्राप्त कर शासन के कोष में जमा किया गया।     
        यातायात नियमों अवहेलना पर होगी कार्रवाई। पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने बताया कि सड़क दुर्घटना के जोखिम को कम करने एवं सुरक्षित यातायात को दृष्टिगत रखते पुलिस के द्वारा यह अभियान चलाया जा रहा है। भारी वाहनों में तय क्षमता से अधिक लोड़ कर आवागमन करने के अलावा यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों पर एमव्ही एक्ट के तहत कार्यवाही किया गया है। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों को न मानने की वजह से हादसे हो रहे हैं, इन हादसों को रोकने के उद्धेश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है। सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात नियमों की पालन करना बेहद जरूरी है। जिले की पुलिस के द्वारा वाहन चेकिंग का यह अभियान लगातार जारी रहेगा।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।