बुधवार, 13 अप्रैल 2022

मानव तस्करी व अनाचार के मामले में फरार 1 आरोपी गिरफ्तार, थाना चांदनी पुलिस की कार्यवाही, मामले में 2 आरोपियों की पूर्व में हो चुकी है गिरफ्तारी

सूरजपुर। दिनांक 25.11.2021 को चांदनी थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने थाना में सूचना दिया कि इसकी पत्नी बिना बताये घर से कही चली गई है सूचना पर गुम इंसान 9/21 कायम कर जांच की गई। जांच के दौरान 9 मार्च को गुम महिला को उसका पति थाना लेकर आया जहां उसे विधिवत दस्तयाब किया गया। गुमशुदा महिला से पूछताछ करने पर उसने बताया कि अपने पति को बिना बताए श्यामाबाई जायसवाल के घर घुमने गई थी जहां उसने कई प्रकार का लालच देकर बहला फुसलाकर अपने पति सागर सिंह की मदद से गांव मलुडीपुरा, थाना खिलचीपुर जिला राजगढ़ मध्यप्रदेश निवासी प्रेम सिंह के पास 1 लाख 50 हजार रूपये में बेच दी। इस बीच प्रेम सिंह ने गुमशुदा के साथ अनाचार भी किया, गुमशुदा अपने घर पति के पास आने की जिद करने लगी तब उस व्यक्ति ने श्यामाबाई को फोन कर बुलाया, श्यामाबाई और गुमशुदा दोनों मलुडीपुरा से सूरजपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां उसे श्यामाबाई छोड़कर चली गई। गुमशुदा किसी प्रकार अपने घर ग्राम महुली पहुंची और परिजनों को घटना के बारे में बताई। प्रकरण मानव तस्करी एवं अनाचार का होने पर आरोपियों के विरूद्ध थाना चांदनी में अपराध क्रमांक 18/22 धारा 370, 376(2)(एन) भादवि का पंजीबद्ध करते हुए 2 आरोपी श्यामाबाई जायसवाल एवं सागर सिंह को दिनांक 11.03.22 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया था मामले में एक आरोपी फरार था। पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश अग्रवाल ने फरार आरोपी की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश थाना प्रभारी को दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर व एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी के मार्गदर्शन में थाना चांदनी की पुलिस ने नई तकनीक की मदद से आरोपी प्रेम सिंह तंवर पिता रामलाल कंवर को ग्राम जोलपा, थाना पनवाड़ जिला झालवाड़ा राजस्थान में घेराबंदी कर पकड़ा और ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त कर थाना चांदनी लाया और विधिवत् गिरफ्तार किया है। इस कार्यवाही में एएसआई आर.डी.सिंह, आरक्षक रविराज पाण्डेय, आरक्षक राजकुमार आर्मो, अनिल कुमार, युवराज यादव, रोशन सिंह सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।