गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022

‘सायबर की पाठशाला’ के माध्यम से नागरिकों को ठगी से बचाव के लिए दी जायेगी जानकारियां

सूरजपुर पुलिस की सायबर अपराध की रोकथाम के लिए जनजागरूकता बढ़ाने के लिए एक अभिनव पहल


सूरजपुर।वर्तमान समय में समाज में जैसे जैसे तकनीक का उपयोग दैनिक जीवन में बढ़ रहा है वैसे वैसे नये अपराध समाज में बढ़ रहे हैं। जिनमें आर्थिक और सामाजिक अपराध और उनमें कम्प्यूटर, मोबाइल व इंटरनेट का प्रयोग करके अपराधी प्रवृत्ति के लोग नागरिकों की जीवन भर की कमाई लूट रहे हैं। महिलाओं को परेशान करने व अपमानित करने के लिए भी असामजिक तत्व सोशल मिडिया का प्रयोग कर रहें हैं। फर्जी नंबरों से फोन काल, नकली बैंक अधिकारी बन लोन फ्राड, केवाईसी सत्यापन के नाम पर आनलाइन ठगी जैसे अपराध घटित हो रहे है। इन सभी अपराधों के मूल में पीड़ित की अज्ञानता अथवा लालच ही पहला चरण होता है। पुलिस तो अपराध विवेचना का काम करती है, परंतु सामान्य जन को भी नये तकनीक का इस्तेमाल करने में पर्याप्त सावधानी रखनी चाहिए जिससे वे ठगी का शिकार होने से बचे। इसी क्रम में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक श्री राजेश अग्रवाल की अभिकल्पना व मार्गदर्शन में सायबर सेल सूरजपुर पुलिस द्वारा ‘‘सायबर की पाठशाला’’ के नाम से सायबर जागरूकता अभियान शुरू किया जा रहा है जिसमें नियमित अंतराल पर संदेश, पोस्टर, कार्यशाला व अन्य माध्यमों से जनसामान्य को सायबर से संबंधित विषयों पर जागरूक किया जाएगा, साथ ही थाना-चौकी की पुलिस साप्ताहिक बाजारों, स्कूलों, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सायबर अपराध की जानकारी देगी ताकि नागरिकगण अधिक सक्षमता से तकनीक का इस्तेमाल कर सके व समाज में सायबर अपराधों में कमी आए।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।