सोमवार, 10 जनवरी 2022

सूरजपुर पुलिस ने फाईन इण्डिसेल्स (फाईन इंडिया) चिटफण्ड कंपनी के 2 डायरेक्टरों को किया गिरफ्तार, 5 लाख 20 हजार रूपये कीमत के 1 स्कोडा कार, 2 नग क्रेडिट कार्ड, 1 मोबाईल, 3 नग चेक जप्त


सूरजपुर। दिनांक 27.03.2016 को ग्राम डुमरिया सूरजपुर निवासी रनसाय राजवाड़े ने थाना सूरजपुर में लिखित शिकायत दिया कि इसके पास बेनी माधव निवासी नमदगिरी व नारायण राजवाड़े निवासी महगवां आए और फाईन इंडिया कंपनी के बारे में बताए कि कंपनी के अभिकर्ता है और कंपनी का बहुत अच्छा प्लान है जो 1 लाख रूपये जमा करने पर जमाकर्ता को 9 हजार रूपये प्रतिमाह जीवनभर मिलेगा, जिससे प्रभावित होकर आवेदक और अन्य गवाहों से कुल 3 लाख 50 हजार रूपये आरोपियों द्वारा षड़यंत्र पूर्वक फाईन इंडिया कंपनी में जमा कराकर ऑनलाईन पर्ची दिए, जब प्रतिमाह पैसा नहीं मिला तो दोनों से सम्पर्क करने पर पैसा मिलेगा कहकर टालमटोल करते रहे और पैसा मांगने पर गाली-गलौज किया गया और धोखाधड़ी कर कंपनी बंद कर दिए। शिकायत जांच पर अपराध का घटित होना पाए जाने पर थाना सूरजपुर में अपराध क्र. 162/16 धारा 420, 120बी, 294, 506, भादवि, इनामी चिट और धन परिचालन स्कीम पाबंदी अधिनियम 1978 की धारा 4, 5, 6, छत्तीसगढ़ निक्षेपकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 10 के तहत का मामला पंजीबद्ध किया। प्रकरण में आरोपी बेनी माधव, नारायण राजवाड़े कंपनी के अभिकर्ता होने के कारण माननीय सर्वोच्च न्यायालय के गाईड लाईन के आधार पर आरोपीगण से गवाह बनाया गया और मुख्य आरोपी फाईन इंडिया के डायरेक्टर दिवाकर सिन्हा, भूपेन्द्र चतुर्वेदी व अन्य को आरोपी बनाते हुए विवेचना प्रारंभ की गई। मामले की विवेचना के दौरान पाया गया कि फाईन इण्डिसेल्स प्रा.लि. कंपनी के डायरेक्टर भूपेन्द्र चतुर्वेदी, दिवाकर सिन्हा और सईद अहमद है जिसके बाद थाना सूरजपुर की पुलिस ने दुर्ग से कंपनी के डायरेक्टर भूपेन्द्र चतुर्वेदी पिता स्व. नंदकुमार निवासी भिलाई नेहरूनगर, थाना सुपेला जिला दुर्ग को दिनांक 02.01.2022 को गिरफ्तार किया गया जिसके कब्जे से 1 नग लेपटाप, 1 नग मोबाईल कीमत 1 लाख रूपये का जप्त किया गया और 2 अन्य डायरेक्टरों की पतासाजी में लगी रही। राज्य शासन ने चिटफण्ड कंपनी के विरूद्ध लंबित मामलों में तेजी लाने एवं आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे जिसके परिपेक्ष्य में पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता ने चिटफण्ड के प्रकरणों में फरार आरोपियों की पतासाजी कर गिरफ्तार करने पुलिस टीम को लगाया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर व एसडीओपी गीता वाधवानी के मार्गदर्शन में थाना सूरजपुर पुलिस की 2 टीमों को पुख्ता जानकारी के आधार आरोपियों को विधिवत् पकड़ने रवाना किया गया, पुलिस की एक टीम ने रायपुर से कंपनी के डायरेक्टर दिवाकर सिन्हा पिता स्व. दिनेश्वर प्रसाद सिन्हा उम्र 52 वर्ष निवासी मुगेर, थाना व जिला मुगेर बिहार को पकड़ा जिसके कब्जे से 1 स्कोडा कार क्रमांक सीजी 07 एएस 0501, 2 नग क्रेडिट कार्ड, 1 नग मोबाईल व 3 नग चेक कुल कीमत 5 लाख 20 हजार रूपये का जप्त किया गया।
पुलिस की दूसरी टीम ने कानपुर से कंपनी के डायरेक्टर सईद अहमद पिता रफिक अहमद उम्र 44 वर्ष निवासी जार्ज मऊ, थाना चचेरी, जिला कानपुर उत्तरप्रदेश का पकड़ा गया। मामले में दोनों आरोपियों के विरूद्ध अपराध सबूत पाए जाने पर विधिवत् गिरफ्तार किया गया। पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि प्रारंभ में फाईन इण्डिसेल्स (फाईन इंडिया) प्रा.लि. कंपनी बनाकर नेटवर्किग सिस्टम से जोड़ा गया, कंपनी से जुड़ने के लिए 2 हजार रूपये सदस्या शुल्क लेकर उन्हें सामग्री की पैकेट दी जाती थी बाद में उसे बढ़ाकर 10 हजार रूपये कर दिया गया और उसकी भी सामग्री दी जानी लगी। नेटवर्किंग सिस्टम में जो एजेंट जितने ज्यादा सदस्य बनाता था उसे प्रत्येक सदस्य से 1 हजार रूपये कमीशन दी जाती थी इस प्रकार करोड़ो-अरबो की धोखाधड़ी की गई। प्रचार-प्रसार के अभाव एवं एजेंट बढ़ाने के उद्देश्य कंपनी का ऑफिस कानपुर उत्तरप्रदेश से बढ़ाते हुए मुम्बई में प्रारंभ किया गया। इन जगहों से पूरे भारतवर्ष के धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया। सूरजपुर जिले से 132 इन्वेस्टरों से करीब के 98 लाख रूपये की राशि की धोखाधड़ी की गई है।
                कलकत्ता सीबीआई के द्वारा प्रकरण की विवेचना की जा रही है एवं कटक उड़ीसा सीबीआई न्यायालय में प्रकरण विचारण में है। प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के द्वारा फाईन इंडिसेल्स (फाईन इंडिया) प्रा.लि. कंपनी के पूरे एकाउण्ड से 150 करोड़ रूपये फ्रीज किया है जिसके संबंध में अग्रिम कार्यवाही उनके द्वारा की जा रही है। 
फाईन इण्डिसेल्स कंपनी के विरूद्ध हमारे जिले में थाना सूरजपुर के अलावा जिला जांजगीर-चाम्पा में 3 प्रकरण, जिला कांकेर में 1 प्रकरण, जिला बालौद में 2 प्रकरण एवं जिला राजनांदगांव 01 प्रकरण कुल 08 पंजीबद्ध है। जिन जिलों में कंपनी के विरूद्व मामला पंजीबद्ध है वहां की पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में सूचना दे दी गई है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर दीपक पासवान, एसआई संतोष सिंह, एएसआई देवनाथ चौधरी, प्रधान आरक्षक ऐसन पाल, तालीब शेख, रजनीश त्रिपाठी, आरक्षक लक्ष्मी नारायण मिर्रे, कैलाश यादव, युवराज यादव, रौशन सिंह, अकरम मोहम्मद व सत्यम सिंह सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।