सोमवार, 6 सितंबर 2021

माननीय विशेष सत्र न्यायाधीश ने हत्या के आरोपी को दी आजीवन कारावास की सजा.................

सूरजपुर: दिनांक 27.07.19 को मृतिका अपने सहेलियों के साथ जल लेकर कैलाशगुफा गई थी जो बतौली में सभी अलग-अलग हो गये थे, 29 जुलाई 2019 को एक गवाह ने मृतिका को आरोपी के साथ बांस झाड़ जंगल में मोटर सायकल से आते देखा था। मृतका के घर 2-3 दिन नहीं आने पर आस-पड़ोस में पतासाजी करने पर पता नहीं चलने से मृतिका के परिवार वाले चौकी मणिपुर जाकर घटना के बारे में बताने पर घटना बतौली का होने से मृतिका के माता के द्वारा 9 अगस्त 2019 को रिपोर्ट करने पर गुम इंसान कायम कर पतासाजी किया जा रहा था। दिनांक 05/08/19 को पण्डोनगर में अज्ञात लाश मिलने की सूचना पर थाना जयनगर में मर्ग क्रमांक 81/19 कायम कर जांच में लिया गया, डॉक्टर के द्वारा पीएम रिपोर्ट के ओपेनियन में किसी धारदार हथियार से गर्दन में पहुंचाये गए चोट से मौत होना लेख किए जाने पर दिनांक 01.09.19 को थाना जयनगर में अपराध क्रमांक 215/19 धारा 302, 201 भादवि का अपराध पंजीबद्ध विवेचना में लिया गया। थाना बतौली के पुलिस द्वारा मृतिका के परिवार वालों को 02.09.19 को फोन करके बताए कि लड़की का पता चल गया है। थाना जयनगर पहुंचे परिजन ने मृतिका के शव से जप्त किए कपड़े को निकाल कर दिखाने पर पहचान लिए तब आरोपी सलमान खान निवासी लक्ष्मीपुर, थाना अम्बिकापुर द्वारा अपराध घटित करना कबूल करने पर विवेचक थाना प्रभारी जयनगर दीपक पासवान द्वारा मेमोरण्डम तैयार कर घटना में प्रयुक्त चाकू जप्त किए एवं आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड में जेल भेजा गया। प्रकरण में एक्ट्रोसिटी एक्ट की धारा 3(2-5) जोड़े जाने से अग्रिम विवेचना हेतु थाना अजाक डायरी भेजी गई। प्रकरण में गवाहों का कथन लिया जाकर जप्त हड्डी का डीएनए जांच हेतु भेजा जाकर विवेचना पूर्ण होने पर भली भांति अपराध सबूत पाए जाने पर अभियोग पत्र समीक्षा बाद न्यायालय में पेश किया गया।
          इस मामले की सुनवाई विद्धान न्यायाधीश श्री हेमंत सराफ, माननीय विशेष सत्र न्यायाधीश सूरजपुर के यहां हुई। माननीय न्यायालय ने मामले की सुनवाई पूर्ण करते हुये गवाहों के कथन, डॉक्टर के पीएम रिपोर्ट तथा डॉक्टर के कथन एवं समस्त डॉक्टरी रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के विरूद्व अपराध सिद्ध पाए जाने पर आरोपी सलमान खान को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास, 500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 201 भादवि में पांच वर्ष कठोर कारावास, 500 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 3(2)(व्ही) एक्ट्रोसिटी एक्ट में आजीवन कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।