सोमवार, 19 जुलाई 2021

माननीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों को दी कठोर कारावास की सजा.............


 सूरजपुर: दिनांक 10/01/2018 को थाना रामानुजनगर क्षेत्र की एक बालिका ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वर्ष 2014 में उसका आरोपी श्रीराम से जान पहचान हुआ, अक्टूबर 2014 में पीड़िता अपने घर जा रही थी इसी दौरान श्रीराम अपने साढु खच्चू के साथ मोटर सायकल में आया और पीड़िता को घर छोड़ने की बात कहकर अपने साथ ले गये और रास्ते में दोनों ने डरा धमकाकर पीड़िता के साथ अनाचार किया और अश्लील फोटो खींच लिए और घटना को किसी को न बताने पर फोटो दिखा देने की धमकी दिए, इसके बाद पुनः दोनों आरोपियों ने पीड़िता को अश्लील फोटो सार्वजनिक करने की धमकी देकर जबरन मोटर सायकल में बैठाकर कछार चरचा ले गए, वहां से ट्रेन में बैठाकर अनूपपुर-ग्वालियर होते हुए शिवपुरी मध्यप्रदेश घुमने जाने का बहाना कर ले गए। जहां भी दोनों ने पीड़िता के साथ अनाचार किया। इसके बाद आरोपी रघुबीर वहां आया और श्रीराम और खच्चू को 62 हजार रूपये देकर पीड़िता को अपने साथ ग्राम मचा-पोहरी शिवपुरी मध्यप्रदेश ले गया और अपने बेटे कुमेर की पत्नी बनाकर घर में रख जबरन काम करवाया इस बीच पीड़िता ने 1 बच्चों को जन्म दिया। पीड़िता मौका देखकर वहां से भागकर अपने घर पहुंची और दिनांक 10/01/18 को थाना रामानुजनगर में आरोपी 1. श्रीराम उर्फ लल्लू 2. खच्चू चमार 3. कुमेर 4. रघुबीर धोबी के विरूद्व अपराध क्रमांक 10/18 धारा 363, 366, 366-ए, 373, 368, 344, 506, 509, 376डी भादवि व पास्को एक्ट की धारा 4 का दर्ज कराई। 
           प्रकरण की विवेचना एएसआई विराट विशी व तत्कालीक थाना प्रभारी रामानुजनगर निरीक्षक रामेन्द्र सिंह के द्वारा किया गया। विवेचना के दौरान एक आरोपी रघुबीर की मृत्यु होने पर मामले में 3 आरोपी श्रीराम, खच्चू, कुमेर को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया एवं प्रकरण में साक्ष्य संकलित कर प्रकरण में पृथक से धारा 370, 370(क) भादवि जोड़ी जोकर आरोप पत्र माननीय न्यायालय सूरजपुर में पेश किया था।
          इस मामले की सुनवाई विद्धान न्यायाधीश सुश्री रंजू राऊत राय, माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायालय सूरजपुर के यहां हुई। माननीय न्यायालय ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुये गवाहों के कथन सहित अन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपी श्रीराम को धारा 363, 34 भादवि में 4 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, धारा 366(क), 34 में 7 वर्ष कारावास, 100 रूपये अर्थदण्ड, धारा 370(क), 34 में 7 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, धारा 373, 34 में 10 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, धारा 506 भाग-2 में 2 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, पास्को एक्ट की धारा 6 में 20 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, पास्को की धारा 12 में 3 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया है। आरोपी खच्चू को धारा 366(क), 34 भादवि में 7 वर्ष कारावास, 100 रूपये अर्थदण्ड, धारा 370(क), 34 में 7 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, धारा 373, 34 में 10 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, धारा 506 भाग-2 में 2 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, पास्को एक्ट की धारा 12 में 3 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड तथा आरोपी कुमेर राम रजक को धारा 363 भादवि में 4 वर्ष कारावास, 100 रूपये अर्थदण्ड, धारा 366 में 7 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, धारा 370(क) में 7 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, धारा 373 में 10 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, धारा 368 भादवि में 7 वर्ष कारावास व 100 रूपये अर्थदण्ड, पास्को एक्ट की धारा 6 में 20 वर्ष कारावास व 100 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।