मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

पुलिस अधीक्षक सूरजपुर ने जिले के पहले सेनेटाईजेशन टर्नल का लिया जायजा...

टर्नल से न केवल नागरिक बल्कि वाहन भी हो रहे सेनेटाइज...

सूरजपुर। ग्राम पंचायत गोविन्दपुर कुम्दा कालोनी में सरपंच सहित वहां के युवा वर्ग ने आपसी सहयोग के बल पर सेनेटाईजेशन टर्नल बनाया है जिससे ना केवल व्यक्ति बल्कि वाहन भी सेनेटाईज हो रहे है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए अनुकरणीय पहल कर नागरिकों के लिए बनाए गए जिले के इस पहले सेनेटाईजेशन टर्नल का सोमवार 20 अप्रैल 2020 को पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा ने जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपसी सहयोग के जरिए इस टर्नल का निर्माण कर कोरोना जैसे भयंकर संक्रमण से बचाव होगा। सहयोग से बनाए गए इस सेनेटाईजेशन टर्नल से न केवल नागरिकों को लाभ हो रहा है बल्कि टर्नल से गुजरने वाले वाहन भी इससे लाभान्वित हो रहे है। टर्नल के निर्माण में सरपंच तरशीला लकड़ा व स्थानीय युवावर्ग ने काफी रूचि लेकर कार्य किया है।
पुलिस अधीक्षक ने कुम्दा कालोनी में स्थित पुलिस सहायता केन्द्र का जायजा लिया और पुलिस के अधिकारी व जवानों का हौसला अफजाई किया। उन्होंने कहा कि स्वयं तथा सहायता केन्द्र की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए, सेनेटाइजर का इस्तेमाल करते रहने, क्षेत्र में लाॅक डाउन एवं सोशल डिस्टेसिंग का पालन सुनिश्चित कराने, कोविड-19 के इस भयंकर संक्रमण से स्वयं को सुरक्षित रख पूरी लगन व निष्ठा से ड्यूटी करने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कुम्दा कालोनी के नागरिकगण काफी जागरूक है और पुलिस को सहयोग कर रहे है।
इस दौरान निरीक्षक बाजीलाल सिंह, प्रधान आरक्षक जयप्रकाश कुजूर, आरक्षक रामजन खलखो, बृजलाल सिंह, नवीन सिंह, दयाराम, सरपंच तरशीला लकड़ा, मनी राम लकड़ा, मंजू कुजूर, सिमोन कुजूर, देवराज कुशवाहा, अनुज कुमार, जिम्मी, संतोष विश्वकर्मा व संजीव सिंह मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।