गुरुवार, 26 मार्च 2020

कलेक्टर श्री दीपक सोनी व पुलिस अधीक्षक श्री राजेश कुकरेजा ने छत्तीसगढ-मध्यप्रदेश की बार्डर को करवाया सील......

आवश्यक सेवा व परिवहन में लगे व्यक्तियों को वैध पास पर दी जा रही प्रवेश।


सूरजपुर। कोरोना से बचने के लिए कलेक्टर श्री दीपक सोनी व पुलिस अधीक्षक श्री राजेश कुकरेजा जिले की बार्डर को सील करवा दी है। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए लाॅक डाउन तक जिले की सीमा सहित अन्तर्राज्जीय मार्गो से आने-जाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दी गई है और बार्डर पर भारी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात कर दिया गया है।
           कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने बताया कि केवल आवश्यक वस्तु व इमरजेंसी मेडिकल सेवा वाले व्यक्तियों को आवागमन की अनुमति रहेगी। ऐसे निजी वाहन जो आवश्यक वस्तु व सेवाओं के उत्पादन एवं उनके परिवहन का कार्य कर रहे है उन्हें वैध पास के साथ परिवहन की छूट रहेगी। आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं के आवागमन को छोड़कर जिले के सभी सीमाओं सहित अन्तर्राज्जीय बार्डर को सील कर दिया गया है। किसी भी माध्यम से जिले अथवा दिगर राज्य के बाहरी लोगों के आवागमन को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है।
           पुलिस अधीक्षक श्री राजेश कुकरेजा ने बताया कि चांदनी पुलिस के द्वारा छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बार्डर ग्राम नवाटोला, अवंतिकापुर व खालबहरा को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। केवल आवश्यक सेवा के तहत् कार्य करने वालों को वैध पास के जरिए प्रवेश दी जा रही है। उन्होंने बताया कि चांदनी थाना प्रभारी व पुलिस के जवान दिन-रात बार्डर पर मुस्तैदी से तैनात है तथा लगातार उनके द्वारा बार्डर एरिया में पेट्रोलिंग की जा रही है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।