* पढ़ेगी बिटिया, अन्याय से लड़ेगी बिटिया, तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया......
* विवाह से न संघर्षों का अंत होता है और न सपनों का....
* मिलता है लक्ष्य ... सच होते हैं सपने ... उड़ना कभी न छोड़ना
सूरजपुर। जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के द्वारा आज थाना जयनगर क्षेत्रांतर्गत स्थित करवां शास. माध्यमिक शाला में स्कूली छात्राओं के लिए 30 दिवसीय ताइक्वांडो व मार्शल आर्ट प्रशिक्षण कार्यशाला का जिला सूरजपुर पुलिस की ओर से उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमती निमिषा पाण्डेय द्वारा विधिवत शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए श्रीमती पाण्डेय ने विद्यालय प्रबंधन व आयोजकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस आयोजन के माध्यम से डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ बालक/ बालिकाओं के सर्वांगिण विकास की अभिकल्पना को साकार किया जा रहा है। इस आयोजन में जिस तरह से पालकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा बढ़ चढ़ कर सहयोग किया जा रहा है उसके लिये सभी साधुवाद के पात्र हैं। यह आयोजन छात्राओं के व्यक्तित्व विकास के साथ ही सुरक्षित और शक्तिशाली समाज के निर्माण में योगदान देगा। देश के सुखद और समृद्धशाली भविष्य के निर्माण के लिए स्त्री शक्ति का शिक्षित और स्वयं व समाज की रक्षा के लिए शक्तिशाली होना समय की मांग है। आज के समय में आत्मरक्षा की कलाओं में पारंगत होना बहुत जरूरी है। ताइक्वांडो व मार्शल आर्ट की जानकारी होने से बिना हथियारों के भी खुद की और दूसरों की सुरक्षा व सहायता की जा सकती है।आगे उन्होंने पोक्सो कानून के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कानून बालक बालिकाओं में भेद न करते हुए सभी बच्चों को उत्पीड़न व शोषण से संरक्षण एवं उनके लिये न्याय की पहुँच सुनिश्चित करता है।
बच्चों द्वारा पुलिस में राजपत्रित अधिकारी बनने के संबंध में जिज्ञासा जाहिर करने पर श्रीमती पाण्डेय द्वारा लोक सेवा आयोग के लिए स्वयं की तैयारी का उदाहरण देते हुए कहा कि विवाह हो जाने के बाद भी प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त कर जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। विवाह सामाजिक जीवन में एक महत्वपूर्ण पड़ाव तो हो सकता है परंतु पांव की बेड़ी कभी नहीं बन सकता। महिलाओं के आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होेने से परिवार व देश का आर्थिक विकास में मदद मिलती है।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री गुप्ता व विद्यालय के समस्त शिक्षक शिक्षिकाएँ व ग्राम करंवा व आस-पास के गांवों के सरपंच व जनप्रतिनिधि व बच्चों के पालक बड़ी संख्या में मौजूद थे।