बुधवार, 17 अक्तूबर 2018

पुलिस लाईन में लगे स्वास्थ्य शिविर में पुलिसकर्मियों ने कराया अपना स्वास्थ्य परीक्षण




सूरजपुर।पुलिस के अधिकारी/कर्मचारी जो जिले के विभिन्न थाना/चौकी में पदस्थ रहकर 24 घंटे अपनी सेवाएं देते हैं ऐसी स्थिति में उनका खानपान का कोई समय निर्धारित नहीं होता जिस कारण उन्हें कई प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रहती है जिसका उन्हें पता नहीं होता है जिसे दृष्टिगत् रखते हुये पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल के द्वारा पुलिस के अधिकारी/कर्मचारी को उनके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी देकर उसका बेहतर उपचार हेतु स्वास्थ्य कैम्प लगवाने के निर्देश दिये थे।निर्देश के परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मेघा टेंभुरकर के द्वारा सीएमओ सूरजपुर से समन्वय स्थापित कर पुलिस लाईन पर्री में 3 दिवसीय स्वास्थ्य कैम्प का आयोजन 15 से 17 अक्टूबर तक करवाया गया। पुलिस लाईन में लगे इस स्वास्थ्य कैम्प में डाॅ. नीरज चौबे, डाॅ. के.डी. द्विवेदी, डाॅ. संध्या जायसवाल एवं डाॅ. संजय गुप्ता की टीम ने पुलिस अधिकारियों /कर्मचारियों का स्वास्थ्य का परीक्षण किया। इस दौरान कई कर्मचारियों को बी.पी., शुगर, वजन का बढ़ना एवं नेत्र में चश्मा लगाने की आवश्यकता डाॅक्टर के द्वारा बताते हुये उन्हें दवा वितरित कर संतुलित आहार का सेवन व नियमित व्यायाम करने की हिदायत दी। 
          स्वास्थ्य कैम्प के अंतिम दिन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मेघा टेंभुरकर, डीएसपी मुख्यालय निमिषा पाण्डेय एवं डीएसपी लाईन प्रकाश सोनी ने भी अपना स्वास्थ्य का परीक्षण कराया। इस स्वास्थ्य कैम्प में रक्षित केन्द्र, थाना सूरजपुर, थाना अजाक, महिला सेल, पुलिस कन्ट्रोल रूम, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के करीब 200 पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों ने स्वास्थ्य का परीक्षण कराया। इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मेघा टेंभुरकर ने बताया कि इस प्रकार के स्वास्थ्य कैम्प का आयोजन जिले के समस्त थाना/चौकी में करवाया जाएगा ताकि पुलिस के अधिकारी/कर्मचारियों को अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी हो सके और वे अपना बेहतर उपचार करवा सके।
इस सफल स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में रक्षित निरीक्षक भूपेन्द्र सिंह कुर्रे, एएसआई मानसाय भगत, आरक्षक जेठूराम सोनवानी, मनोज ठाकुर सहित अन्य कर्मचारियों का सक्रिय योगदान रहा।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।