सूरजपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर आर.पी.साय एवं एसडीओपी प्रतापपुर आर.के.शुक्ला के मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशन में प्रतापपुर पुलिस ने 48 घण्टे के भीतर दो अलग अलग अनुसलझे हत्या के मामले का खुलासा किया है।
प्रथम घटना गत् 4 सितम्बर को ग्राम बगड़ा के मेरसाय ने थाना में मर्ग कायम कराया कि उसकी भाभी नानबाई उर्फ कंचन सिंह का शव संदेहास्पद रूप् से उसके ही आवास पर पड़ा मिला है सूचना पर प्रतापपुर पुलिस ने गंभीरता से मर्ग पंचनामा करते हुई नानबाई की हत्या का आशंका पाया। डाॅक्टर ने भी पोस्टमार्टम में नानबाई की हत्या हुई बताया। प्रतापपुर पुलिस ने मामले की गंभीरता से विवेचना करते हुये इस हत्या की गुत्थी को सुलझाया। गांव के ही आरोपी युवक खेलसाय पनिका ने कपिल सिंह को पहरेदार के रूप में नानबाई के घर ले गया था। खेलसाय अंदर जाकर नानबाई से जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास करने लगा, नानबाई के मना करने व शारीरिक संबंध बनाने में असफल रहने से क्षुब्ध होकर गला दबाकर बिस्तर में पटक कर जान से मार दिया। घटना समय में कपिल सिंह की नानबाई के घर के सामने पहरेदारी को प्रत्यक्षदर्शियों ने देख लिया था जिसे पुलिस ने जानकर शंका के आधार पर पूछताछ प्रारंभ कर मामले का खुलासा किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को धारा 302, 201 के तहत् गिरफ्तार कर रिमाण्ड पर भेजा गया।
दूसरे घटना में गत् 5 सितम्बर को सुबराज अगरिया निवासी सिंघरा ने थाना में सूचना दिया कि उसकी पत्नी भिंसारी बाई को भतीजे रामवृक्ष एवं उसकी पत्नी मानमती ने घटना दिनांक 04/09/17 के लगभग 3 बजे टांगा व हथौड़ा से प्राणघातक हमला कर जान से मार दिया है। रिपोर्ट पर प्रतापपुर पुलिस ने अपराध क्रमांक 161/17 धारा 302, 201 के तहत् मामला पंजीबद्ध शव पंचनामा एवं विवेचना करते हुये पाया कि आरोपी रामवृक्ष एवं उसकी पत्नी मानमती दोनों आदतन शराबी थे, अपनी सम्पत्तियों को बेचकर समाप्त कर चुके थे तथा अपने चाचा चाची भिंसारी एवं सुबराज के जमीन पर नजर गड़ाये थे इसी कारण विगत वर्षो से रंजीश रखे हुये थे। त्यौहार के दिन शराब के नशे में मौका पाकर अपनी चाची भिंसारी पर प्राणघातक हमला कर जान से मार दिये। पुलिस ने आरोपियों से मेमोरण्डम कथन लेकर घटना में प्रयुक्त आलाजरब जप्त कर आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
दोनों ही गंभीर अपराध को सुलझाने में थाना प्रभारी प्रतापपुर दीपक भारद्वाज, एएसआई आर.के.कश्यप, आर.डी.सिंह, गजपति मिर्रे, प्रधान आरक्षक केश्वर मरावी, रोशन टण्डन, भूपेन्द्र पोर्ते, आरक्षक अभय तिवारी, सोहर सिंह, बलदेव सिंह, बिरन सिंह, सुखसागर मरावी, अलबिनस तिर्की, प्यारेलाल राजवाड़े, विनोद परीड़ा व जयप्रकाश पन्ना की भूमिका रही।