शनिवार, 22 अक्तूबर 2016

बसदेई पुलिस को मिली सफलता

सूरजपुर: गत् 5 अक्टूबर को बसदेई पुलिस ने रेलवे फाटक उचंडीह के पास से 2 लोगों से 290 नग सिरप एवं 5256 नग कैप्सूल कीमती करीब 98 हजार 200 रूपये का नशीली दवाईयां जप्त करते हुये अनूप कुमार एवं मुकेश तिवारी को गिरफ्तार कर धारा 21(बी) एनडीपीएस एक्ट के तहत् कार्यवाही किया गया था। इसी प्रकरण से जुड़े ग्राम नरेशपुर निवासी शशिकांत उर्फ रज्जू तिवारी पिता गंगा तिवारी घटना दिनांक से ही फरार था। जिसकी तलाश पुलिस द्वारा की जा रही थी जो मुखबीर के द्वारा सीएसपी डी.के.सिंह को सूचना दिया कि शषिकांत तिवारी अवैध नशीली दवाई बिक्री करने हेतु बसदेई क्षेत्र में घुम रहा है जिस पर सीएसपी डी.के.सिंह ने सूचना से एसपी सूरजपुर आर.पी.साय एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एस.आर.भगत को अवगत कराया। एसपी श्री साय ने सीएसपी श्री सिंह के नेतृत्व में बसदेई पुलिस एवं क्राईम ब्रांच की टीम को तत्काल घेराबंदी कर उसे पकड़ने हेतु निर्देशित किया गया। बसदेई पुलिस एवं क्राईम ब्रांच की संयुक्त टीम के द्वारा बसदेई तिराहा के पास घेराबंदी की गई तभी हुन्डई कार क्रमांक सीजी 15 सीएल 6299 में शशिकांत उर्फ रज्जू तिवारी आया जिसे घेराबंदी कर पकड़ा गया तलाश के दौरान हुन्डई कार से एक काले-भूरे रंग के बैग में कोरेक्स सिरप 35 नग, रेसकप सिरप 14 नग एवं रैनकप सिरप 51 नग कीमती करीब 24 हजार रूपये का एवं परिवहन में प्रयुक्त हुन्डई कार को जप्त किया गया। पकड़े गये आरोपी शशिकांत तिवारी को धारा 21(बी) एनडीपीएस एक्ट के तहत् गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी बसदेई बृजनाथ साय पैकरा, प्रधान आरक्षक बिसुन देव पैकरा, अमरेश सिंह, आरक्षक रमेश कसेरा, हरविन्दर सिंह, आनंद सिंह, महेन्द्र प्रताप सिंह, महिपाल सिंह, ललन सिंह, सीताराम पैकरा, अखिलेश पाण्डेय एवं राजाराम मरावी सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।