बुधवार, 22 अक्टूबर 2025

मवेशी तस्करी मामले में फरार 4 आरोपियों को थाना प्रतापपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार, मवेशी तस्करी में प्रयुक्त पायलेटिंग व निगरानी करने तथा अपराध के आय से अर्जित 41 लाख रूपये कीमत के 4 वाहन किए गए जप्त, पूर्व में 3 आरोपियों को किया गया था गिरफ्तार।

 

सूरजपुर। दिनांक 29.08.2025 को मवेशी तस्करी की सूचना पर थाना प्रतापपुर पुलिस ने 2 पिकअप में 10 मवेशी लोड़ कर ले जाते तीन आरोपी रामप्रसाद बरगाह, देवराज निवासी कांसदोहर थाना राजपुर व इब्ने अली निवासी अमनदोन थाना प्रतापपुर को पकड़ा गया था जिनके कब्जे से 10 मवेशी व 2 पिकअप वाहन जप्त कर छ.ग. राज्य कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम की धारा 4,6,10 व पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11(1) घ के तहत कार्यवाही कर तीनों को गिरफ्तार किया गया था। मामले में अन्य आरोपी फरार थे जिनकी पतासाजी की जा रही थी।
               डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने फरार आरोपियों की पतासाजी कर जल्द पकड़ने के निर्देश दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व डीएसपी अनूप एक्का के मार्गदर्शन में थाना प्रतापपुर की पुलिस टीम के द्वारा फरार आरोपियों की पतासाजी के दौरान आरोपी तेज राम सोनवानी निवासी चौरा थाना राजपुर को पकड़ा। पूछताछ पर उसने बताया कि अपने साथी फिरोज अंसारी, दीपक सोनवानी व सुरेन्द्र रवि भी मवेशी तस्करी में शामील थे जिसके बाद दबिश देकर इन तीनों को भी पकड़ा गया।
                मामले में आरोपी तेज राम सोनवानी पिता ढोला राम सोनवानी उम्र 41 वर्ष निवासी चौरा थाना राजपुर, फिरोज अंसारी पिता सुलतान अंसारी उम्र 35 वर्ष निवासी विजयनगर, चौकी विजयनगर, दीपक सोनवानी पिता स्व. श्याम बिहारी उम्र 30 वर्ष निवासी महाबीरगंज, सुरेन्द्र रवि पिता शिवनारायण उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम दुप्पी महुआपारा थाना राजपुर को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों से घटना में प्रयुक्त पायलेटिंग व निगरानी करने तथा अपराध के आय से अर्जित किए गए 1 बोलेरो, 1 हुण्डई आई-20 कार, 1 मारूती अर्टिगा कार, 1 टेªक्टर को जप्त किया गया है जिसकी कीमत करीब 41 लाख रूपये है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी प्रतापपुर अमित कौशिक, एएसआई विरेन्द्र यादव, हरिशंकर यादव, आरक्षक राजेश तिवारी, सत्य नारायण सिंह, नौशाद, प्रकाश साहू, भीमेश आर्मो व जयप्रकाश पन्ना सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।