शुक्रवार, 22 अगस्त 2025

बढ़ रहे साइबर अपराध की रोकथाम के लिए पुलिस और बैंक अधिकारी मिलकर करेंगे काम, डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर ने बैंक प्रबंधकों ली बैठक, बैंक खाता खोलते समय खाता धारक की पूरी जांच-पड़ताल करने के निर्देश। लोगों को समझना होगा कि देर रात्रि कोई फोन कर खाता बंद होने की बात कहे तो वह साइबर अपराधी होगा। बैंक में साइबर अपराध के प्रति जागरूकता और थाना-पुलिस कंट्रोल रूम नंबर लिखवाने के निर्देश।

 

सूरजपुर। पुलिस कार्यालय सभाकक्ष में गुरूवार, 21 अगस्त 2025 को सूरजपुर नगर के समस्त बैंक शाखा प्रबंधकों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराध की रोकथाम, पुलिस-बैंक कर्मियों के बीच सामंजस्य बढ़ाने, बैंकिंग प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और आपसी समन्वय को सुदृढ़ करना था।
                बैठक में डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने कहा कि साइबर अपराधियों को पकड़ने में बैंक की भूमिका बेहद अहम होती है। यदि किसी भी मामले में बैंक से जानकारी देने में विलंब होता है, तो अपराधी के फरार होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने बैंक प्रबंधकों को निर्देशित किया कि पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी शीघ्रता से उपलब्ध कराई जाए, ताकि अपराध की समय पर जांच और कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। बैंक खाता खोलते समय पूरी जांच-पड़ताल की जाए। ग्राहक के दस्तावेजों की पुष्टि, प्रारंभिक पूछताछ और समुचित संतुष्टि के बाद और संबंधित व्यक्ति की मौजूदगी में ही खाता खोला जाए, खाता खोलते वक्त आधार से लिंक मोबाईल नंबर लिए जाए ताकि सही व्यक्ति का बैंक खाता में मोबाईल नंबर दर्ज हो, संदिग्ध लेन-देन की सूचना पर फौरन एक्शन लेते हुए खाता होल्ड की जाए, लोन लेने के लिए व्यक्ति यदि किसी अन्य व्यक्ति को अधिकृत करता है तो लोन स्वीकृत करने से पहले जिस व्यक्ति के नाम से लोन स्वीकृत किया जा रहा है उसे बैंक बुलाकर तस्दीक की जाए, किसी संदिग्ध खाते में अत्यधिक लेने-देन या कोई बड़ी ट्रान्जेक्शन पर नजर बनाए रखे और पुलिस को सूचित करने के निर्देश दिए। यह कदम साइबर बैंकिंग फ्राड और गलत उद्देश्य से खोले गए खाते को रोकने के लिए आवश्यक है।
              डीआईजी/एसएसपी ने बताया कि डिजिटल लेनदेन और जोखिम वाले खातों पर निगरानी रखी जाए, कम्युनिटी पुलिसिंग को मजबूत करने में सहभागिता निभाए। नागरिकों को समझना होगा कि कोई देर रात के वक्त आपको फोन कर बैंक खाता बंद होने की बात कहता है तो वह साइबर अपराधी है, बैंक कर्मचारी ऐसे कॉल नहीं करते यह काम साइबर अपराधी की होगी इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है। आगामी दिनों में साइबर अपराध से बचाव के लिए सोशल मीडिया, जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकों एवं कानून के जानकारों के जरिये जागरूकता संदेश फैलाए जाएंगे। थानों में साइबर फ्रॉड जागरूकता के वृहद आयोजन और सार्वजनिक भीड-भाड़ वाले स्थानों पर विशेष आयोजन किए जाएंगे। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के प्रचार के साथ रिपोर्टिंग को आसान बनाने पर जोर रहेगा। साइबर अपराधों पर रोक लगाने के साथ आमजन को सुरक्षित डिजिटल अनुभव के प्रति जागरूक किया जायेगा। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, थाना प्रभारी सूरजपुर विमलदेश दुबे, साईबर सेल प्रभारी राकेश यादव, भारतीय स्टेट बैंक, सेन्ट्रल, पंजाब नेशनल, आईडीबीआई, यूको, जिला सहकारी, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई व युनियन बैंक के शाखा प्रबंधक सहित उनके प्रतिनिधि मौजूद रहे।

बैंक में साइबर अपराध के प्रति जागरूकता और थाना-पुलिस कंट्रोल रूम नंबर लिखवाने के निर्देश।
              बैठक में बैंक प्रबंधकों को कहा गया है कि बैंक के अंदर व बाहर दृश्य भाग पर साइबर अपराध से बचाव की जानकारी हेतु फ्लैक्स चश्पा कराए ताकि लोग उसे पढ़कर जागरूक हो, साथ ही सभी बैंक में पुलिस थाना, चौकी व पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर, संबंधित थाना-चौकी प्रभारी आदि का मोबाईल नंबर बैंक में लिखवाए जिससे उस पर आसानी से नजर जा सके। इसी क्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो के द्वारा बीते दिन थाना भटगांव व विश्रामपुर के बैंक प्रबंधकों की बैठक ली थी।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।