बुधवार, 13 अगस्त 2025

लखनऊ उत्तरप्रदेश से अपहृत बालिका को दस्तयाब कर सूरजपुर पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार।

 


सूरजपुर। प्रेमनगर थाना क्षेत्र अन्तर्गत एक व्यक्ति ने थाना प्रेमनगर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसकी नाबालिक पुत्री घर से परीक्षा देने गई थी जो वापस नहीं लौटी है जिसकी काफी खोजबीन करने पर नहीं मिली, किसी अज्ञात आरोपी के द्वारा बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है। सूचना पर थाना प्रेमनगर में गुम इंसान कायमी उपरान्त अपहरण की धारा 137(2) बीएनएस के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने महिला एवं बच्चों के विरूद्ध अपराध पर संवेदनशील होकर शीघ्रता से कार्यवाही करते हुए अपहृत को दस्तयाब करने के निर्देश दिए थे।
               अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी प्रेमनगर नरेन्द्र सिंह पुजारी के मार्गदर्शन में थाना प्रेमनगर पुलिस के द्वारा अपहृत बालिका की लगातार पतासाजी करने के दौरान तकनीक की मदद ली गई जिससे ज्ञात हुआ कि वर्तमान में अपहृता लखनऊ उत्तरप्रदेश में है जिसके बाद पुलिस टीम विधिवत् लखनऊ के लिए रवाना हुई और गहन पतासाजी करते हुए आरोपी साहिल उर्फ अमन उम्र 22 वर्ष निवासी लखनऊ उत्तरप्रदेश के कब्जे से अपहृत बालिका को दस्तयाब कर वापस लाया गया। मामले की विवेचना में पृथक से 65(1), 87 बीएनएस व पास्को एक्ट की धारा 6 जोड़ी जाकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी प्रेमनगर विराट विशी, एएसआई रंजीत सोनवानी, प्रधान आरक्षक विनय किस्पोट्टा, आरक्षक रौशन सिंह, नागेन्द्र प्रसाद राजवाड़े, बृजेश काशी, महिला आरक्षक सिंधू कुजूर, अंजू सिंह सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।