बुधवार, 13 अगस्त 2025

सूरजपुर पुलिस ने 30 लाख कीमत के गुम हुए 120 मोबाईल बरामद कर संबंधित को सौंपा। लगातार जारी रहेगा गुम मोबाईल खोजबीन का अभियान- डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर। साइबर अपराध से बचाव के लिए किया जागरूक।


सूरजपुर। जिले में गुम हुए मोबाइलों को खोजने के लिए सूरजपुर पुलिस की ओर से विशेष अभियान चलाया गया। शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 को डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने बरामद किए गए 120 मोबाइलों को संबंधित व्यक्तियों को सौंपा है जिसकी अनुमानित कीमत करीब 30 से 35 लाख रूपये है। गुम हुए मोबाइलों को जैसे ही उनके मालिकों को सौंपा उनके चेहरे खिल उठे। महीनों या वर्षों पहले खोए हुए मोबाइल को पाकर सभी काफी खुश दिखे। मोबाइल फोन गुम होने पर मोबाइल यूजर्स को होने वाला आर्थिक नुकसान और परेशानियों को ध्यान रखते हुए मोबाइल सर्विलांस में लगाकर ट्रेस कर गुम मोबाईल रिकंवर कर मोबाइल धारकों को वापस लौटाया गया। डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर के निर्देशन में गुम हुए मोबाइल को खोजने के लिए विशेष अभियान चलाया गया जिसके तहत साइबर सेल को मोबाइल गुम होने संबंधी आवेदन प्राप्त होने पर उनका तुरंत ही निराकरण करने के निर्देश दिए गए थे।

लगातार जारी रहेगा गुम मोबाईल खोजबीन का अभियान।
डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने बताया कि जिले की पुलिस के द्वारा गुम हुए मोबाईल खोजने का यह अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि गुम मोबाईलों को खोजकर उनके धारकों को वापस किया गया है, मोबाईल पाकर नागरिकों में संतोष का भाव दिखा। इसके पूर्व पुलिस के द्वारा 429 मोबाईल खोजकर उनके धारकों को वापस कर चुकी है। मोबाईल रिकवरी के इस अभियान में एसडीओपी सूरजपुर अभिषेक पैंकरा, साईबर सेल प्रभारी राकेश यादव व उनकी टीम सहित थाना-चौकी स्तर पर गठित टीम के आरक्षकों ने सक्रियतापूर्वक कार्य किया है।

साइबर अपराध से बचाव के लिए किया जागरूक।
डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर ने मोबाईल वापस लेने आए लोगों को कहा कि वर्तमान समय में मोबाईल एक अत्यन्त उपयोगी वस्तु है। साइबर फ्राड म्युल अकाउंट सहित वर्तमान दौर में धोखेबाज किस तरह धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे है उसकी जानकारी देते हुए सर्तकता बरतने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि गुम हुआ मोबाइल फोन गलत हाथों में चला जाता है, तो निजी जानकारी लीक होने का खतरा रहता है। आपके फोन में आपके बैंक खातों, ईमेल, सोशल मीडिया और अन्य निजी जानकारी के विवरण हो सकते हैं। यदि कोई गलत व्यक्ति आपके फोन तक पहुंच जाता है, तो वह इन जानकारियों का दुरुपयोग कर सकता है, जैसे कि आपके बैंक खातों से पैसे निकालना या आपके सोशल मीडिया खातों को हैक कर सकता है। आपके फोन के टेक्स्ट संदेश, फ़ोटो, वीडियो, और अन्य निजी जानकारी हो सकती है, जिसका दुरुपयोग किया जा सकता है इसलिए मोबाईल को संभाल कर रखे और यदि मोबाईल गुम जाता है तो नजदीकी पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराए।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।