बुधवार, 2 अप्रैल 2025

विश्रामपुर में कॉम्बिंग गश्त के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी एक साथ सड़कों पर उतरे। निगरानी व गुण्डे बदमाशों को अपराध न करने दी गई कड़ी हिदायत।

सूरजपुर। जिले के थाना विश्रामपुर क्षेत्र में शुक्रवार, 21 मार्च 2025 की रात्रि में ज्वाईंट पुलिस टीम के द्वारा काम्बिंग गश्त किया, इस गश्त में हर तरफ पुलिस के जवान ही दिख रहे थे। इस गश्त के दौरान जहां निगरानी और गुंडे बदमाशों के घर दस्तक दी गई, वहीं चौराहों पर चेकिंग की गई। डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने अपराधों की रोकथाम, रात्रि गश्त को मजबूत करने, निगरानी व गुण्डा बदमाशों सहित संदिग्धों की चेकिंग और वारंटों की तामीली के लिए पुलिस लाईन, थाना-चौकी के पुलिस अधिकारी व जवानों को थाना विश्रामपुर क्षेत्र में कांबिंग गश्त करने के निर्देश दिए थे।
             थाना प्रभारी विश्रामपुर अलरिक लकड़ा के नेतृत्व में पुलिस के अधिकारी व जवान विश्रामपुर क्षेत्र के कुम्दा बस्ती, शिवनंदनपुर, सतपता, एसईसीएल, आरटीआई, माईनस, चोपड़ा कालोनी सहित सभी वार्ड में कांबिंग गश्त की गई। इस दौरान निगरानी-गुण्डे बदमाश, सूचीबद्ध गुंडे, पूर्व सजायाब व्यक्तियों को चेक किया गया जो अधिकतर घरों में मौजूद मिले जिन्हें अपराध न करने सहित संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त न रहने की कड़ी हिदायत दी गई। शहर के चौक-चौराहों पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों की चेकिंग अभियान चलाया गया हालाकि शराब के नशे में कोई नहीं मिला। कानून व्यवस्था को और भी प्रभावी बनाने के उद्देश्य से रात में कॉम्बिंग गश्त में 100 से अधिक संख्या में पुलिसबल शामिल रहा। डीआईजी व एसएसपी ने थाना स्तर पर नाइट कॉम्बिंग गश्त में पुलिस को कानूनी प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन करने हेतु निर्देशित किया गया था। इस बात का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया था कि चेकिंग के दौरान किसी के साथ अभद्रता न हो, व्यवहार में पूरी शालीनता रखने हेतु भी निर्देशित किया था।

कांबिंग गश्त का उद्देश्य।
डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने कहा कि जनता की सुरक्षा, जिले में शांति एवं कानून व्यवस्था की सुदृढ़ता बरकरार रखने और अपराधियों में भय उत्पन्न करने के उद्देश्य से यह कॉम्बिंग गश्त की गई। कॉम्बिंग गश्त में फरार अपराधियों की धरपकड़, स्थायी और गिरफ्तारी वारंटों की तामीली के प्रयास और निगरानी व गुंडे बदमाशों की चेकिंग सुनिश्चित की गई।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।