गुरुवार, 13 मार्च 2025

डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने ली पुलिस अधिकारियों की बैठक। लंबित मामलों को जल्द निराकरण करने प्रभारियों को दिए कड़े निर्देश।

 

सूरजपुर। लंबित मामलों के निराकरण में तेजी लाने, अपराधों की विवेचना में पुख्ता साक्ष्य संकलन, यातायात नियमों के बारे में गुणवत्तापूर्वक लोगों को जागरूक करने, ट्रैफिक नियमों के उल्लघंन पर कार्यवाही, दुर्घटना जनित स्थानों पर सुरक्षात्मक उपाए कराने एवं सूखा नशा और अवैध कार्यो पर प्रभावी रोक लगाने को लेकर मंगलवार, 11 मार्च 2025 को डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने जिले के पुलिस अधिकारियों, थाना-चौकी प्रभारियों की बैठक ली।
              इस दौरान उन्होंने थाना-चौकी प्रभारियों को कड़े शब्दों में कहा कि किसी मामले के पीड़ित की पीड़ा को समझे और उसे न्याय दिलाने के लिए विवेचना में पुख्ता साक्ष्य संकलन कर मामला जल्द न्यायालय में पेश करें, अवैध कारोबार पर सख्ती बरते, कहीं से भी अवैध कारोबार की सूचना मिलती है तो उस पर त्वरित कार्यवाही की जाए और इनमें संलिप्तों के विरूद्ध कडी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। असामाजिक तत्वों पर सख्ती से एक्शन लेने, नाकेबंदी पॉइंट्स को स्ट्रांग करने, विजिबल पुलिसिंग करने, क्षेत्र में आसूचना संकलन मजबूत कर जानकारी हासिल करने एवं अनसुलझे व लंबित मामलों की समीक्षा कर आरोपियों की गिरफ्तारी कर जल्द निकाल करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान कोटपा के तहत किए गए कार्यवाही की समीक्षा कर कार्यवाही में बढ़ोत्तरी करने के निर्देश दिए।
              डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर ने सड़क दुर्घटना रोकने की दिशा में नेशनल हाईवे एवं अन्य मार्गो के समीप स्थित स्कूल, कालेजों व भीड़भाड़ वाले स्थानों पर वाहनों की स्पीड कम करने के उपाए कराने, दुर्घटनाजनित स्थानों पर संकेतक बोर्ड और रेडियम लगवाने के निर्देश दिए तथा बिना हेलमेट व शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरूद्ध सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बैठक में एसडीओपी प्रेमनगर नरेन्द्र सिंह पुजारी, डीएसपी रितेश चौधरी, एसडीओपी प्रतापपुर सौरभ उईके, डीएसपी अजाक पी.डी.कुजूर, सीएमएचओ डॉ. कपिलदेव पैंकरा, तम्बाखू मुक्त विद्यालय के मनोज गुप्ता व जिले के सभी थाना-चौकी प्रभारी मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।