बुधवार, 22 जनवरी 2025

डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर ने ली क्राइम मीटिंग, थाना-चौकी के कार्यो का परफॉमेंश जाना, लंबित मामलों के निकाल में तेजी लाने दिए निर्देश।

 

सूरजपुर। सोमवार, 20 जनवरी को जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर द्वारा जिले के पुलिस अधिकारियों का क्राईम मीटिंग लिया, जिसमें थाना-चौकी के कार्यो, अपराध निकाल, प्रतिबंधात्मक व लघु अधिनियम व ऑपरेशन मुस्कान की समीक्षा कर परफारमेंश को जाना और लंबित अपराधों एवं शिकायत के निराकरण का ब्यौरा लेते हेतु निराकरण में और तेजी लाने, आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों में पुलिस का खौफ बनाए रखने सख्ती के साथ तत्परतापूर्वक कार्यवाही करने, थाना क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने हेतु सूचना तंत्र मजबूत और पुख्ता करने के निर्देश दिए।
         डीआईजी व एसएसपी  सूरजपुर ने टासकिंग पुलिसिंग पर जोर देते हुए प्रभारियों को कहा कि अपराध, शिकायत, सहित अन्य कार्यवाहियों को पूर्ण करने की समय सीमा खुद बनाए और उसे मजबूती के साथ पूरा करें इससे कार्यो में तेजी आयेगी और निकाल का प्रतिशत भी बढ़ेगा, सामाजिक बुराईयों, नशे व अवैध कारोबार पर सख्ती से पूर्णतः अंकुश लगाई जाए, दुघर्टना को पूरी तरीके से रोक पाना संभव नहीं है किन्तु एक्सीडेंट रोकने की दिशा में कार्यवाही एवं जागरूकता से कमी लाई जा सकती है इसके लिए बेहतर कार्य करें, शराब पीकर और ओव्हर स्पीडिंग कर यातायात नियमों की अनेदखी पर सख्ती से कार्यवाही करने, थाना प्रभारी खुद नागरिकों की समस्या शिकायत को सुने और निराकरण करें। जमीन संबंधी मामले की शिकायत पर फौरन कार्यवाही के साथ ही बाउन्ड ओव्हर की कार्यवाही कराने, स्थाई वारंट की तामीली में विशेष रूचि लेने के निर्देश दिए। उन्होंने आदतन अपराधियों का निगरानी व गुण्डा बदमाश हिस्ट्रीशीट खोलने, अपराधों की रोकथाम के लिए सतत पेट्रोलिंग व प्रभावी रात्रि गश्त करने एवं अधिक से अधिक लघु व प्रतिबंधात्मक अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस दौरान डीएसपी मुख्यालय महालक्ष्मी कुलदीप, एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी, एसडीओपी प्रेमनगर नरेन्द्र सिंह पुजारी, डीएसपी अजाक पी.डी.कुजूर सहित जिले के सभी थाना-चौकी प्रभारी मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।