बुधवार, 18 दिसंबर 2024

सूरजपुर पुलिस ने रेकी करने के लिए बदला भेष, एसएसपी श्री प्रशांत कुमार ठाकुर की गठित टीम ने चिटफंड कंपनी के 4 डायरेक्टरों को भीलवाड़ा राजस्थान से किया गिरफ्तार, धोखाधड़ी किए गए रकम से खरीदी गई एक्सयूव्ही कार जप्त, पुलिस टीम किए जायेंगे पुरस्कृत।

सूरजपुर। एसएसपी श्री प्रशांत कुमार ठाकुर के निर्देश पर थाना विश्रामपुर पुलिस ने आमजनता के साथ धोखाधड़ी करने वाले चिटफण्ड कंपनी के डायरेक्टरों का 4 दिनों तक लगातार भीलवाड़ा में कैम्प कर वहां का रहवासी-मजदूर बनकर, कम्बल बेचने एवं ठेला चलाकर उनके गतिविधियों पर लगातार पैनी नजर बनाकर सूझबूझ का परिचय देते हुए चिटफंड कंपनी के 4 आरोपी डायरेक्टरों को गिरफ्तारी करने में सफलता हासिल की है।
               अप्रैल 2023 में एसडीएम सूरजपुर के द्वारा अभिपवा प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड भीलवाड़ा राजस्थान के द्वारा सूरजपुर जिले के 29 निवेशकों को 2-3 गुना अधिक राशि देने का प्रलोभन देकर 17 लाख 28 हजार 366 रूपये की ठगी किये जाने संबंधी प्रतिवेदन कलेक्टर सूरजपुर के माध्यम से पुलिस अधीक्षक सूरजपुर को भेजा गया जिस पर उन्होंने थाना विश्रामपुर पुलिस को सुसंगत धाराओं में अपराध पंजीबद्ध करने हेतु निर्देशित किये जाने पर थाना विश्रामपुर में दिनांक 28.08.2023 को आरोपी कपिल जैन, महेश कुमार सेन निवासी भीलवाड़ा राजस्थान एवं अन्य के विरूद्ध अपराध क्रमांक 149/23 धारा 420, 34 भादवि, ईनामी चिटफंड धन परिचालन स्कीम (पाबंदी) की धारा 4, 5, 6 एवं छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 10 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
              एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने आमजनता के साथ किए गए ठगी के मामले को गंभीरता से लिया और आरोपियों की धरपकड़ के लिए थाना प्रभारी विश्रामपुर अलरिक लकड़ा के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित कर भीलवाड़ा राजस्थान के लिए रवाना किया।
सीएसपी एस.एस.पैंकरा के मार्गदर्शन में गठित पुलिस टीम द्वारा नई तकनीक एवं निवेशकों से प्राप्त जानकारी के आधार पर आरोपियों की धरपकड़ के लिए भीलवाड़ा राजस्थान विधिवत् रवाना हुई। पुलिस टीम भीलवाड़ा राजस्थान में लगातार 4 दिनों तक कभी वहां का रहवासी-मजदूर बनकर तो कभी कम्बल बेचने एवं ठेला चलाकर उनके गतिविधियों पर नजर रखी गई और आरोपियों की प्रकरण में संलिप्तता की पुख्ता जानकारी के आधार पर भीलवाड़ा में दबिश देकर चिटफंड कंपनी के 4 आरोपी डायरेक्टरों को पकड़ा गया और पूछताछ किया गया। 2 आरोपियों के द्वारा धोखाधड़ी किए गए रकम को खर्च कर देना एवं 2 आरोपियों के द्वारा ठगी की रकम से एक्सयूव्ही कार खरीदने की बात कबूली जिस पर आरोपी दिनेन्द्र दधीच के कब्जे से महिन्द्रा कंपनी का एक्सयूव्ही 700 क्रमांक आरजे 06 यूसी 6669 जप्त कर माननीय न्यायालय भीलवाड़ा से चारों आरोपियों का ट्रान्जिट रिमाण्ड प्राप्त कर थाना विश्रामपुर लाया गया।
              आरोपियों ने पूछताछ पर बताया कि अनंत दधीच का साला सुनील ब्यास के साथ दिनेन्द्र दधीच, कपिल जैन, महेश कुमार सेन व अन्य लोगों के द्वारा मिलकर वर्ष 2013 में अभिपवा प्रोडुसर कंपनी लिमिटेड नाम से फर्जी कंपनी बनाए जिसमें इन चारों के अलावा अन्य व्यक्ति भी डायरेक्टर थे और करीब 29 लोगों से 17,28,366/- रूपये राशि 1 वर्ष बाद 3 गुना करने का झांसा देकर राशि जमा कराकर और बाउण्ड पेपर देकर धोखाधड़ी कर कंपनी बंद कर दिए। पकड़े गए चारों आरोपियों के द्वारा धोखाधड़ी को अंजाम देना स्वीकार किए जिन्हें विधिवत् गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण में एक आरोपी सुनील ब्यास की मृत्यु हो गई है। मामले में पुलिस टीम आगे की विवेचना में लगी हुई है।

पुरस्कृत होंगे पुलिस टीम। एसएसपी श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने बताया कि गठित पुलिस टीम ने दिगर राज्य जाकर सूझबूझ का परिचय देते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी तत्परतापूर्वक की है इस हेतु पुलिस टीम के प्रभारी व जवानों को नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया जायेगा।

जप्ती - महिन्द्रा कंपनी का एक्सयूव्ही 700 क्रमांक आरजे 06 यूसी 6669 कीमत करीब 21 लाख रूपये।

गिरफ्तार आरोपीगण।
1. दिनेन्द्र कुमार दधीच पिता स्व. रामचन्दर जी शास्त्री उम्र 65 वर्ष निवासी चित्रकुटनगर, थाना सुभाषनगर, जिला भीलवाड़ा राजस्थान
2. अनंत दधीच पिता दिनेन्द्र कुमार दधीच उम्र 36 वर्ष निवासी चित्रकुटनगर, थाना सुभाषनगर, जिला भीलवाड़ा राजस्थान
3. कपिल जैन पिता दिनेश जेन उम्र 35 वर्ष निवासी चंद्रशेखर, जिला भीलवाड़ा राजस्थान
4. महेश कुमार सेन पिता रामचन्दर सेन उम्र 35 वर्ष निवासी बापूनगर, थाना प्रतापनगर, जिला भीलवाड़ा राजस्थान

कार्यवाही में शामील पुलिस टीम  इस कार्यवाही में थाना प्रभारी विश्रामपुर अलरिक लकड़ा, एएसआई शशि शेखर तिवारी, अविनाश सिंह, प्रधान आरक्षक नवीन सिंह, रविशंकर पाण्डेय, आरक्षक अखिलेश पाण्डेय, रौशन सिंह, युवराज यादव, शिवकुमार राजवाड़े व अजय प्रताप राव सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

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सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।