सोमवार, 9 सितंबर 2024

कम कीमत में चोरी की मोटर सायकल बेचने की फिराक लगे एक व्यक्ति को थाना प्रतापपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार।


सूरजपुर। डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भा.पु.से.) ने थाना-चौकी प्रभारियों को चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने, आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर पैनी नजर रखने एवं सूचना तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए थे। इसी परिप्रेक्ष्य में दिनांक 31.08.24 को थाना प्रतापपुर जांच कार्यवाही व ग्राम भ्रमण पर निकली थी इसी बीच मुखबीर से सूचना मिली कि ग्राम मायापुर मयूरगोड़ी में ग्राम चिकनी का दिलीप सिंह नाम का व्यक्ति मोटर सायकल हीरो होण्डा पैसन प्रो सीजी 15 सीएफ 5061 को मात्र 2 हजार रूपये में बिक्री करने के लिए ग्राहक की तलाश में लगा हुआ है।
               थाना प्रतापपुर पुलिस फौरन मौके पर पहुंची और धेराबंदी कर मोटर सायकल सहित दिलीप सिंह पिता हीराचंद उम्र 23 वर्ष ग्राम चिकनी, थाना चंदौरा को पकड़ा और मोटर सायकल का वैध दस्तावेज की मांग की, पर उसने कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जो चोरी का होने का पूर्ण अंदेशा पर धारा 35(1-व्ही) बीएनएसएस/303(2) बीएनएस के तहत कार्यवाही कर मोटर सायकल कीमत 50 हजार रूपये का जप्त कर उसे गिरफ्तार किया गया। पूछताछ पर उसने बताया कि मोटर सायकल को वाड्रफनगर-रजखेता से चोरी किया है। कार्यवाही एएसपी संतोष महतो व एसडीओपी प्रततापपुर अरूण नेताम के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी प्रतापपुर लक्ष्मण सिंह धुर्वे, एसआई संदीप सिंह, एएसआई हरिशंकर तिवारी, प्रधान आरक्षक रजनीश त्रिपाठी, राहुल गुप्ता, आरक्षक इन्द्रजीत सिंह, राजेश तिवारी, अवधेश कुशवाहा, भीमेश आर्मो व राकेश यादव सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।