शनिवार, 29 जून 2024

धोखाधड़ी कर राशि गबन करने के मामले में आरक्षक हुआ गिरफ्तार।

सूरजपुर। थाना जयनगर का समन शुल्क राशि जमा करने संबंधी वर्ष 01/2014 से 06/2017 तक का सत्यापन कराने प्रतिवेदन जिला कोषालय सूरजपुर को भेजा गया था जो कोषालय के द्वारा माह जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2023 तक सूची अनुसार ईकोष डाटा में मिला कर सत्यापन कर जानकारी प्रदाय किया गया जिसमें दिनांक 01/01/2014 से 30/03/2016 तक कुल 72 पृथक-पृथक चालानों के माध्यम से उक्त अवधियों में विभिन्न तिथियों में जमा की गई समन शुल्क की कुल राशि 979400/- रूपये का ईकोष में डाटा नहीं खुलने के कारण सत्यापन नहीं किया जाना लेख किया गया है। इसी प्रकार 2016 से 2023 तक कुल 56 चालानों के माध्यम से विभिन्न तिथियों में मोटर यान अधिनियम के तहत वसूल की गई समन शुल्क राशि कुल 17,66,860/- रूपये को साईबर ट्रेजरी में जमा नहीं होना लेख कर दिया गया है।
              उक्त अवधि में अंकित राशियों को थाना जयनगर के रिकार्ड के अनुसार पूर्व में पदस्थ आरक्षक क्रमांक 537 दीपक सिंह पिता कामेश्वर सिंह जिसे नियमित कोर्ट कार्य डाक वितरण एवं समन शुल्क की राशि बैंक में जमा करने हेतु लगाया गया था और जिसे उपरोक्त चालान दिनांक में उल्लेखित राशियों को जमा करने हेतु दिया गया था जो आरक्षक द्वारा जमा करने हेतु दी गई राशियों का भारतीय स्टेट बैंक शाखा सूरजपुर का सील लगा एवं हस्ताक्षर किया हुआ चालान पावती लाकर थाना मंे प्रस्तुत किया गया। आरक्षक द्वारा प्रस्तुत किये गये उक्त सभी चालान पावतियों में आरक्षक का नाम एवं हस्ताक्षर किया हुआ है तथा मुख्य शीर्ष 0041, वाहनों पर कर लघु शीर्ष 800 अन्य प्रति योजना क्रमांक 0766 तथा मुख्य शीर्ष 001, वाहनों पर कर लघु शीर्ष 800 अन्य प्रति योजना क्रमांक 766 पर समन शुल्क जमा होना लेख है, चालान पावती वर्षवार संधारित समन शुल्क रजिस्टर में चस्पा किया हुआ है, जिसका जिला कोषालय सूरजपुर द्वारा सत्यापन करने पर बैंक से उपरोक्त राशियों को कोषालय मेें जमा होना नहीं पाया गया, इस प्रकार थाना के रिकार्ड एवं जिला कोषालय अधिकारी सूरजपुर से प्राप्त सत्यापन रिपोर्ट पर से आरक्षक 537 दीपक सिंह के द्वारा थाना जयनगर में पदस्थ रहते हुये अपने शासकीय पदीय कर्तव्य के दौरान थाना जयनगर के मोटरयान अधिनियम के तहत वर्ष 2016 से वर्ष 2023 तक की अवधि में वसूल की गई शासकीय राशि कुल 17,66,860/- रूपये को भारतीय स्टेट बैंक शाखा सूरजपुर बैंक की फर्जी स्टाम्प सील एवं हस्ताक्षर कर कुटरचित दस्तावेज तैयार कर शासकीय मद की राशि का धोखाधड़ी कर गबन कर राशि को जमा नहीं किया गया जो आरक्षक दीपक सिंह का कृत्य प्रथम दृष्टया अपराध धारा 409, 420, 467, 468, 471 भादंसं के तहत पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना कार्यवाही में लिया गया। विवेचना दौरान उक्त अवधि का बैंक से जानकारी लिया गया जो भारतीय स्टेट बैंक से वर्ष 2020 से 2022 तक की जानकारी प्राप्त हुई जो उक्त अवधि में राशि बैंक में जमा होना नहीं पाया गया है।
            प्रकरण में विवेचना से आरोपी आरक्षक दीपक सिंह पिता कामेश्वर सिंह उम्र 36 वर्ष निवासी माईनस कालोनी विश्रामपुर जिला सूरजपुर (छ0ग0) के द्वारा सदर धारा का अपराध घटित करना पाये जाने से उसके संबंध में अपराध कायमी की सूचना एवं आरक्षक को गिरफ्तार करने की अनुमति प्राप्त कर विधिवत् दिनांक 30/05/2024 को गिरफ्तार किया गया है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।