शनिवार, 29 जून 2024

मोटर सायकल से गांजा परिवहन करने के मामले में एक व्यक्ति को थाना जयनगर पुलिस ने किया गिरफ्तार। गांजा व परिवहन में प्रयुक्त मोटर सायकल किया गया जप्त।

सूरजपुर। डीआईजी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री एम.आर.आहिरे (भा.पु.से.) ने जिले के थाना-चौकी प्रभारियों को नशे के धंधे में लिप्त लोगों के विरूद्व सख्त कार्यवाही करते एवं क्षेत्र में सक्रिय मुखबीर का जाल फैलाने के निर्देश दिए है। इसी तारतम्य में दिनांक 25.06.2024 को थाना जयनगर पुलिस को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि अम्बिकापुर सुखरी तरफ से एचएफ डिलक्स मोटर सायकल में एक व्यक्ति मादक पदार्थ गांजा बिक्री करने हेतु ग्राम राजापुर तरफ आने वाला है।
थाना जयनगर पुलिस ने सूचना की तस्दीक व कार्यवाही हेतु ग्राम राजापुर घेराबंदी लगाया जहां एचएफ डिलक्स मोटर सायकल क्रमांक सीजी 15 यू डीएफ 9377 में एक व्यक्ति आते दिखा जिसे रूकने का ईशारा करने पर गाड़ी धीरे कर वापस मोड़ने का प्रयास करने लगा जिसे पकड़ा गया। पूछताछ पर उस व्यक्ति ने अपना नाम ओमप्रकाश चौधरी पिता धनसाय उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम कोईलार टिकरा, थाना दरिमा, जिला सरगुजा का होना बताया जिसके कब्जे से 1 किलो 725 ग्राम गांजा कीमत 18 हजार रूपये का जप्त किया गया। मामले में गांजा व परिवहन में प्रयुक्त मोटर सायकल जप्त कर आरोपी ओमप्रकाश चौधरी के विरूद्व धारा 20बी एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही कर गिरफ्तार किया है। इस कार्यवाही में नवपदस्थ थाना प्रभारी जयनगर नरेन्द्र सिंह, एसआई सरफराज फिरदौसी, एएसआई वरूण तिवारी, रघुवंश सिंह, सोहन सिंह, प्रधान आरक्षक राजेन्द्र एक्का, आरक्षक नीरज झा, सैनिक नोहर सिंह, अकबर व मुजाहिद सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।