बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

4 लाख 50 हजार रूपये के आनलाईन फ्राड मामले में सूरजपुर पुलिस की सक्रियता से आवेदक को वापस मिली पूरी रकम। फ्राड किए गए राशि की वापसी के लिए त्वरित कार्यवाही पर आवेदक ने पुलिस के प्रति जताया आभार

सूरजपुर। 26 जनवरी को एक व्यक्ति के क्रेडिट कार्ड से साढ़े 4 लाख रुपए ठगी कर ली गई थी। इस मामले में पुलिस ने तत्परतापूर्वक कार्यवाही करते हुए व्यक्ति के रुपए वापस दिलवा दिए। ठगी का शिकार हुए व्यक्ति के रुपए वापस मिल जाने से वह काफी प्रसन्न हुआ और पुलिस की कार्यशैली पर प्रसन्नता जताई। आईजी सरगुजा रेंज श्री रामगोपाल गर्ग (भा.पु.से.) के द्वारा भी इस मामले को लेकर सूरजपुर पुलिस को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे। दिनांक 26.01.2023 को सिलफिली निवासी अभिषेक सरकार के मोबाईल पर क्रेडिट कार्ड का रिवार्ड प्वाइंट रिडीम करने हेतु एक मैसेज आया था। 27 जनवरी को इसके द्वारा उक्त मेसेज के लिंक पर क्लीक करने पर एक ऐप इंस्टाल हुआ और दोपहर में आवेदक के क्रेडिट कार्ड के खाते से 4 लाख 50 हजार रूपये किसी अज्ञात व्यक्ति के खाते में चला गया। क्रेडिट कार्ड के ग्राहक सेवा प्रतिनिधि के द्वारा फोन कर उक्त रकम ट्रान्जेक्शन करने की जानकारी के बारे में पूछा गया जिसके बाद आवेदक उक्त ट्रान्जेक्शन को कैन्सील करने के लिए कहा और इसकी शिकायत जिला पुलिस कार्यालय सूरजपुर के साईबर सेल व जयनगर थाने में किया। आनलाईन हुए फ्राड की सूचना पर पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू (भा.पु.से.) ने साईबर सेल को आवेदक के साथ हुए फ्राड की पूरी डिटेल लेते हुए रकम वापसी की कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। मामले में साइबर सेल व थाना जयनगर की पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पूरी घटना की जानकारी से साइबर पुलिस पोर्टल आनलाईन को भेजा। कई तकनीकी साधनों की मदद लिए जाने के बाद आवेदक की खाता से ट्रान्सफर हुई राशि 4 लाख 50 हजार रूपये दिनांक 31 जनवरी को आवेदक के खाते में वापस आ गया।
पुलिस की तत्परतापूर्वक की गई कार्यवाही से ठगी का शिकार हुए आवेदक के खाते से ट्रान्सफर हुई पूरी राशि 4 लाख 50 हजार रूपये वापस मिलने पर आवेदक मंगलवार को जिला पुलिस कार्यालय सूरजपुर पहुंचा और पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू (भा.पु.से.) से मुलाकात कर सूरजपुर पुलिस के प्रति आभार जताया। इस दौरान डीएसपी मुख्यालय नंदिनी ठाकुर, छत्तीसगढ़ उर्दु ऐकेडमी बोर्ड के सदस्य इस्माईल खान, राजेश कुशवाहा, दितेश राय, शिवनारायण सिंह, साइबर सेल के आरक्षक विनोद सारथी मौजूद रहे।

आनलाईन फ्राड से बचने इन बातों का ध्यान रखने की जरूरत

पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू (भा.पु.से.) ने सतर्कता रखने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। जिसमें कहा गया कि अपने खातों की नियमित जांच करते रहें। मोबाइल टॉवर लगाने के नाम से आने वाले फोन कॉल, विज्ञापनों से सावधान रहें। फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य मैसेंजर पर किसी परिचित या मित्र द्वारा हो रही रुपयों की मांग बिना जांचे या कॉल करके पुष्टि कर लें और रुपए भेजने से बचें। कस्टमर केयर का संपर्क नंबर गूगल से मिलने पर भरोसा ना करें। सिर्फ असली वेबसाइट से ही नंबर ले, कस्टमर केयर नंबर 1800 से ही शुरू होता है ना कि किसी मोबाइल नंबर के डिजिट से। अज्ञात नंबर या कंपनी के नाम से आए मैसेज में दी गई लिंक पर क्लिक न करें। प्रोमोकार्ड, रिवार्ड प्वाइंट कैशबैक के लालच में न आएं। लॉटरी लगने के नाम से आए हुए व्हाट्सएप कॉल से सावधान रहें। ओएलएक्स एप में खरीदी बिक्री से पहले सावधान रहें ताकि ठगी का शिकार होने से बच सकें। ऑन लाइन मनी ट्रांसफर साइट जैसे गूगल पे, फोन पे, पेटीएम में अज्ञात लिंक को क्लिक करने से बचें। सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप में कम कीमत बिक्री के पोस्ट पर भरोसा नहीं करें। मोबाइल एप्लीकेशन जैसे एनी डेस्क, टीम व्यूअर का यूजर आइडी एवं पासवर्ड किसी भी अनजान व्यक्ति को नहीं दें। साथ ही किसी के कहने पर डाउनलोड भी नहीं करें। किसी अपरचित को फोन पर या लिंक के जरिए अपने बैंक खाते की जानकारी जैसे पिन, ओटीपी, सीवीवी, यूपीआई कार्ड डिटेल साझा ना करें। धोखाधड़ी करने वाले रजिस्ट्रेशन के नाम पर छोटी राशि जमा कराते हुए बैंक खातों का डिटेल लेकर ठगी कर जाते हैं। अपने क्रेडिट व डेविट कार्ड को अपनी नजरों के सामने ही स्वाइप कराएं। एटीएम से किसी अनजान व्यक्ति से रकम आहरण में मदद न लें। 

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।