गुरुवार, 15 सितंबर 2022

छात्रों को साइबर अपराध एवं उससे बचाव के बारे में दी गई जानकारी, यातायात नियमों के पालन से बचा सकते हैं जिंदगियाँ


सूरजपुर। सड़क हादसों में कमी लाने, यातायात नियमों का पालन कराने तथा साइबर अपराध से बचाव को लेकर जागरूकता के लिए बुधवार, 14 सितम्बर को सूरजपुर जिले के यातायात व साइबर सेल प्रभारी के द्वारा शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सूरजपुर में यातायात जागरूकता तथा साइबर की पाठशाला के तहत साइबर अपराध एवं उससे बचाव की जानकारी से स्कूली छात्रों को अवगत कराया गया। सूरजपुर पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू के निर्देशन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह के मार्गदर्शन में यह आयोजन किया गया। साइबर सेल प्रभारी नीलाम्बर मिश्रा ने छात्रों को साइबर अपराध एवं सुरक्षा व सावधानी को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान युग में एंड्रॉयड मोबाइल के माध्यम से साइबर अपराधों में बढ़ोत्तरी हुई हैं, लेकिन जागरूक नागरिक इन अपराधों से बच सकता है। वह अपनी जानकारियों को किसी अंजान व्यक्ति से साझा नहीं करे। आपको किसी अन्य व्यक्ति के फोन आने पर वह डरा धमकाकर अथवा लॉटरी लगने के नाम पर आपसे जानकारी लेता है, तो आप बिल्कुल उसे कोई जानकारी ना दें। इसकी शिकायत पुलिस में करें। किसी भी तरह के लोभ-लालच या प्रलोभन के मैसेज को पूरी तरह नजर अंदाज करें। वर्तमान में घटित हो रहे सायबर अपराध से छात्रों को अवगत कराया। इस मौके पर छात्रों ने भी संवाद किया और सायबर अपराध को लेकर सवाल जवाब किए। यातायात प्रभारी बृजकिशोर पाण्डेय के द्वारा छात्रों को बताया कि यदि वाहन को नियंत्रित गति से चलाएं और यातायात नियमों का पूरी मजबूती के साथ पालन करें, तो सड़क हादसों पर काफी हद तक अंकुश पाया जा सकता है। युवाओं की जिम्मेदारी है कि मार्ग हादसों पर रोक लाने के लिए न सिर्फ स्वयं जागरूक हों, बल्कि दूसरों को भी जागरूक करें। वाहन चलाते समय तनिक सी लापरवाही सड़क हादसे को न्यौता देता है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सभी यातायात नियमों का पालन करें। दोपहिया वाहन चलाने वाले व्यक्ति हेलमेट लगाएं और कार चलाते समय सीट बेल्ट लगाए। यातायात नियमों के पालन से दुर्घटना की संभावना लगभग न के बराबर होती है। यातायात के नियमों के पालन से वाहन चालक खुद के साथ दूसरों की भी जिदगियां बचा सकते हैं। सुरक्षा के लिहाज से यातायात के नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। यातायात आरक्षक सुशील मिश्रा के द्वारा सड़क सुरक्षा से जुड़े संकेतों का डेमो के माध्यम से जानकारी दिया। 

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।