सूरजपुर। पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू के निर्देश पर थाना-चौकी में पदस्थ जवानों को पुलिस की कार्यप्रणाली में सूचना प्रौधोगिकी की क्षमता बढ़ाने के लिए क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) सहित कम्प्यूटर का बेसिक प्रशिक्षण पुलिस कन्ट्रोल रूम सूरजपुर में दिया जा रहा था जिसका समापन सोमवार, 29 अगस्त को हुआ। प्रशिक्षण में सम्मिलित पुलिस जवानों को पुलिस अधीक्षक ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र प्रदाय कर उत्कृष्ट कार्य करने प्रोत्साहित किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने जवानों को कहा कि थाना में जाकर प्राप्त प्रशिक्षण का बेहतर उपयोग कर उत्कृष्ट कार्य करें इससे थाना के कार्यो में गति आएगी, क्षेत्र में सूचना तंत्र को मजबूत करने एवं अवैध शराब, जुआ व नशे के कारोबार में लिप्त लोगों की जानकारी एकत्र कर कार्यवाही कराने, जेल से छूटे अपराधियों पर नजर रखने एवं थानों के आंकड़ों को सीसीटीएनएस में समय पर प्रविष्टि करने के निर्देश दिए। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह, डीएसपी मुख्यालय नंदिनी ठाकुर, एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी, स्थापना प्रभारी पंकज नेमा, एसआई नीलाम्बर मिश्रा, प्रधान आरक्षक मनीष पन्ना सहित सीसीटीएनएस शाखा व थाना-चौकी के कर्मचारी मौजूद रहे।
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'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।