बुधवार, 1 जून 2022

नशे के विरूद्ध सूरजपुर पुलिस द्वारा जारी अभियान में 2 और बड़ी सफलता। दो अलग-अलग मामले में 185 नग नशीली इंजेक्शन सहित 2 गिरफ्तार, थाना सूरजपुर पुलिस की कार्यवाही।


सूरजपुर। पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू के निर्देश के बाद अवैध कारोबारियों के विरूद्ध पुलिस की निरंतर कार्यवाही जारी है। थाना सूरजपुर की पुलिस ने दो अलग-अलग मामले में 2 लोगों से 185 नग नशीली इंजेक्शन जप्त कर 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। जप्त नशीली इंजेक्शन की बाजारू कीमत करीब 90 हजार रूपये है।
मंगलवार को थाना सूरजपुर पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि देवनगर निवासी अब्दुल रहमान अवैध नशीली दवाई इंजेक्शन लेकर रामानुजनगर तरफ से देवनगर की ओर बिक्री करने जा रहा है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर व एसडीओपी सूरजपुर गीता वाघवानी के मार्गदर्शन में थाना सूरजपुर की पुलिस ने मुखबीर की सूचना पर ग्राम देवनगर में घेराबंदी कर अब्दुल रहमान पिता स्व. मोहम्मद रमजान उम्र 45 वर्ष को घेराबंदी कर पकड़ा गया जिसके कब्जे से नशीली इंजेक्शन 50 नग लिजेसिक इंजेक्शन, रेक्सोजेसिक इंजेक्शन 35 नग, एविल इंजेक्शन 20 नग कुल 105 नग नशीली इंजेक्शन जप्त किया गया जिसकी बाजारू कीमत 50 हजार रूपये है। मामले में आरोपी के विरूद्व धारा 21(सी) एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही कर गिरफ्तार किया गया। वहीं दूसरे मामले में बुधवार को मुखबीर से सूचना मिला कि मस्जिदपारा सूरजपुर निवासी अताउल्लाह उर्फ बबलू भारी मात्रा में नशीली दवाई रखा है जो बिक्री करने के कहीं जाने वाला है, सूचना पर पुलिस टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए मस्जिदपारा में घेराबंदी कर अताउल्ला उर्फ बबलू पिता हफीजउल्लाह खान उम्र 36 वर्ष को पकड़ा जिसके कब्जे से फेनिरामाइन मैलेट इंजेक्शन 40 नग व रेक्सोजेसिक इंजेक्शन 40 नग कुल 80 नग नशीली इंजेक्शन जप्त किया गया। जिसकी बाजारू कीमत करीब 40 हजार रूपये है। मामले में आरोपी के विरूद्व धारा 21(सी) एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही कर गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में प्रशिक्षु डीएसपी दीपमाला कुर्रे, एसआई संतोष सिंह, गजपति मिर्रे, एएसआई हीरालाल साहू, प्रधान आरक्षक मोहम्मद तालीब शेख, आरक्षक रामकुमार नायक, हरिशंकर सिंह, लक्ष्मी नारायण मिर्रे व महिला आरक्षक चंदा भास्कर सक्रिय रहे। पुलिस अधीक्षक सूरजपुर ने टीम को उत्साहवर्धन के लिए नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया है। 

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।