रविवार, 15 मई 2022

गुरूकुल विद्या आश्रम के हितग्राहियों की रकम लेकर धोखाधड़ी करने के मामले में 3 गिरफ्तार, थाना सूरजपुर पुलिस की कार्यवाही



सूरजपुर। दिनांक 06.05.2022 को ग्राम दर्रीपारा थाना झिलमिली निवासी पुष्पा देवांगन ने लिखित आवेदन दिया कि गुरूकुल विद्या आश्रम के संचालक व कर्मचारी ऋषि नायक, दिग्विजय दास बैरागी, प्रीति बैस व अन्य 10 लोगों के द्वारा एनजीओ एक आस कल्याण संस्था सबरी साई वेलफेयर सोसायटी प्रशिक्षण, कम्प्यूटर शिक्षा, वर्मीवाश, सिलाई प्रशिक्षण के नाम पर 1850 हितग्राहियों से फर्जी रूप से इनाम का लालच देकर रसीद के माध्यम से 1 करोड 22 लाख 75 हजार रूपये की वसूली कर हितग्राहियों को लाभ से वंचित रखते हुए धोखाधड़ी किया गया। प्रार्थिया की रिपोर्ट पर थाना सूरजपुर में आरोपियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 196/22 धारा 420, 34 भादसं. का मामला पंजीबद्ध किया गया। नागरिकों के साथ किए गए धोखाधड़ी के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू ने थाना प्रभारी को आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर व एसडीओपी सूरजपुर गीता वाघवानी के मार्गदर्शन में मामले की जांच की जा रही थी इसी बीच मुखबीर की सूचना पर मामले के आरोपी ऋषि नायक, दिग्विजय दास बैरागी, प्रीति बैस को सूरजपुर में घेराबंदी कर पकड़ा गया। पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि हितग्राहियों से नगद पैसा रसीद के माध्यम से प्राप्त कर संस्था के खाते में जमा न करते हुए खुद तथा संस्था के कार्य में खर्च कर देना बताया। आरोपियों के निशानदेही पर 1 नग कम्प्यूटर सेट, 1 नग लेपटाप, 1 कलर प्रिन्टर जप्त कर आरोपी 1. ऋषि नायक पिता घनश्याम लाल नायक, उम्र 26 वर्ष, 2. दिग्विजय दास बैरागी पिता तुलसी दास बैरागी उम्र 36 वर्ष निवासी बुडिया, थाना तमनार, जिला रायगढ़, वर्तमान कृषि मण्डी रोड़ सूरजपुर, 3. प्रीति बैस पति संजय बैस उम्र 41 वर्ष निवासी छिन्दवाड़ा, थाना कुण्डीपुरा, वर्तमान निवासी सूरजपुर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया। मामले में गुरूकुल विद्या आश्रम से दस्तावेज भी जप्त किए गए, संस्था का लेखा-जोखा का बारीकी से जांच की जा रही है साथ ही अन्य आरोपियों की पतासाजी में पुलिस टीम लगी हुई है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर दीपक पासवान, एएसआई रघुवंश सिंह, प्रधान आरक्षक विवेकानंद सिंह, हरेन्द्र सिंह, अदीप प्रताप सिंह, आरक्षक हरिशंकर सिंह, रावेन्द्र पाल, खेलन सिंह, बृजभुवन व महिला आरक्षक सहोदरा राजवाड़े सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।