गुरुवार, 14 अप्रैल 2022

ट्रेनी आईपीएस ने चलित थाना का आयोजन कर लोगों की शिकायते सुन किया निराकरण * ग्राम रक्षा समिति को क्रियाशील व मजबूत करने पर जोर * महिला सुरक्षा के लिए उपयोगी अभिव्यक्ति ऐप की दी जानकारी


सूरजपुर । पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश अग्रवाल के द्वारा सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने, नागरिकों की समस्या-शिकायतों का मौके पर ही निराकरण करने के लिए ग्रामों तथा साप्ताहिक बाजार में चलित थाना लगाने तथा महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए अभिव्यक्ति ऐप के बारे में महिलाओं-छात्राओं को अवगत कराते हुए ऐप के इस्तेमाल को लेकर जागरूक करने के निर्देश जिले के थाना-चौकी प्रभारियों को दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर व सीएसपी जे.पी.भारतेन्दु के मार्गदर्शन में बुधवार 14 अप्रैल 2022 को ट्रेनी आईपीएस थाना प्रभारी विश्रामपुर संदीप कुमार पटेल के द्वारा ग्राम रामनगर में चलित थाना का आयोजन किया गया। इस दौरान ट्रेनी आईपीएस श्री पटेल ने ग्रामीणों की शिकायतों का सुना और कईयों का मौके पर ही निराकरण किया। उन्होंने ग्रामीणों को कानून की जानकारी देते हुए अपराध से बचने की समझाईश दी। वर्तमान दौर में किए जा रहे फ्राड जिनमें बैंक एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करने तथा बैंक का अधिकारी अथवा कर्मचारी बनकर मोबाइल से आधार कार्ड एवं एटीएम कार्ड की गोपनीय जानकारी प्राप्त कर बैंक खातों से रकम पार करने की घटित हो रही घटनाओं की विस्तृत जानकारी ग्रामीणों को देते हुए ठगी का शिकार होने से बचने की सलाह दी। इसी क्रम में नशा न करने की समझाईश देते हुए नशे से होने वाली आर्थिक, सामाजिक एवं शारीरिक हानियों के बारे में अवगत कराया, ग्रामीणों को यातायात नियमों की जानकारी देते हुए उसका पालन करने की अपील की। महिलाओं की सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा तैयार किए गए अभिव्यक्ति ऐप के बारे में मौजूद महिलाओं-पुरूष को अवगत कराया। चलित थाना के दौरान ग्राम रक्षा समिति के कार्यो, गांव की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने तथा सूचना तंत्र को और मजबूत करने को लेकर चर्चा कर सुझाव लिए गए। इस दौरान थाना प्रभारी विश्रामपुर शिवकुमार खुटे, एएएसआई सोहन सिंह, सरपंच धर्मेन्द्र सिंह, सचिव भूपेश, ग्राम रक्षा समिति के अध्यक्ष संतोष सिंह, महिला सहायता समूह के पुष्पा व उनकी टीम सहित काफी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।