शनिवार, 3 दिसंबर 2022

सूरजपुर पुलिस ने अभियान चलाकर 18 गिरफ्तारी-स्थाई वारंट किए तामील

सूरजपुर। पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने अपराधों की रोकथाम एवं अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु लगातार स्थाई/गिरफ्तारी वारंट तामिल करने के निर्देश सभी थाना-चौकी प्रभारियों को दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह व एसडीओपी सूरजपुर प्रकाश सोनी के मार्गदर्शन में चौकी बसदेई पुलिस के द्वारा 2 स्थाई वारंटी तथा 6 गिरफ्तारी वारंट तामील किया है तो वहीं थाना सूरजपुर पुलिस ने 4 स्थाई व 6 गिरफ्तारी वारंट तामील कर वारंटी को माननीय न्यायालय में पेश किया है। वारंटियों की धरपकड़ के इस अभियान में चौकी बसदेई पुलिस ने मारपीट व आबकारी एक्ट के मामले में स्थाई वारंटी प्रसाद साहू व मोती सिंह को पकड़ वारंट तामील किया है। इसी प्रकार अलग-अलग मामलों में 6 गिरफ्तारी वारंट तामील किया है। इसी क्रम में थाना सूरजपुर पुलिस के द्वारा आबकारी एक्ट, लूट, मारपीट, चोरी के मामले में स्थाई वारंटी तुलसी प्रसाद, श्याम सिंह, राहुल साहू, चैन प्रकाश को पकड़ स्थाई वारंट तामील किया है तथा 6 अलग-अलग गिरफ्तारी वारंट तामील करने में सफलता हासिल किया है। वारंटियों की तामिली हेतु पुलिस टीमें लगातार विभिन्न जगहों पर दबिश दे रही है। इन सभी वारंटियों को माननीय न्यायालय में पेश किया गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर प्रकाश राठौर, चौकी प्रभारी बसदेई बृजेश यादव, एएसआई लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता, प्रधान आरक्षक आनंद सिंह, लिनुस लकड़ा, थॉमस मिंज, आरक्षक अमित सिंह, निलेश जायसवाल, रामसागर साहू, विश्वजीत सिंह, गुरूदेश्वर सिंह, ओम प्रकाश सिंह व प्रदीप सोनवानी सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।