सोमवार, 11 अक्तूबर 2021

पुलिस अधीक्षक सूरजपुर की विशेष पहल-जिले शुरू हुई अग्रसर कार्यक्रम।


अग्रसर कार्यक्रम में पुलिस परिवार के बच्चों को दी जा रही ऑनलाईन वर्चुअल क्लासेस।

सूरजपुर। जिले के पुलिस के अधिकारी-कर्मचारियों के अध्ययनरत् बच्चों के बेहतर शिक्षा के लिए पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्रीमती भावना गुप्ता ने विशेष पहल कर अग्रसर कार्यक्रम के तहत पुलिस परिवार के बच्चों के कैरियर एवं व्यक्तित्व निर्माण के लिए ऑनलाईन वर्चुअल क्लासेस शुरू कराया है। बीते दिन पुलिस अधीक्षक ने इसकी तैयारियों को लेकर जिले के विभिन्न निजी एवं शासकीय स्कूल के संचालक व शिक्षकों की बैठक लेकर अग्रसर कार्यक्रम के बेहतर संचालन के लिए उनसे चर्चा कर सुझाव आमंत्रित किए। अग्रसर कार्यक्रम में पुलिस परिवार के करीब 450 बच्चों को हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम से निःशुल्क ऑनलाईन शिक्षा देने के लिए कई निजी एवं शासकीय स्कूलों के लगभग 100 शिक्षकों की टीम अपनी सेवायें देने की सहमति दिए है। इस कार्यक्रम के संचालन के लिए नोडल अधिकारी एसडीओपी प्रतापपुर अमोलक सिंह व सहायक नोडल अधिकारी चौकी प्रभारी खड़गवां विमलेश सिंह को बनाया गया है।
          इस कार्यक्रम में बच्चे एवं शिक्षक वर्चुअल माध्यम से जुड़ रहे है, बच्चों को किस विषय में क्या समस्या है उसके आधार पर विशेषज्ञ शिक्षकों के द्वारा क्लास ली जा रही है। इसके प्रथम कड़ी में शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए मोटिवेट करने सुपर 30 के संस्थापक श्री आनंद कुमार वर्चुअल माध्यम से जुड़कर कई महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धक जानकारियां दी थी। आगामी दिनों में अन्य विशेषज्ञ व्यक्तियों को इन बच्चों के साथ में जोड़ा जायेगा। पुलिस कल्याण के लिए यह एक मुहिम है क्योंकि अक्सर पुलिस 24 घंटे ड्यूटी में लगी रहती है, पुलिस कर्मी अपने ही बच्चों की शिक्षा एवं बेहतरी के लिए ध्यान नहीं दे पाते है जिसे ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम को प्रारंभ किया गया है।
          बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर, एसडीओपी प्रतापपुर अमोलक सिंह, एसडीओपी सूरजपुर गीता वाधवानी, स्थापना प्रभारी अखिलेश सिंह, डीएव्ही प्रिंसिपल आरजेके रेड्डी, एम मुखर्जी, रश्मि मिश्रा, शुभ्रा घोष, रतना गुप्ता, स्वाती श्रीवास्तव, नुसरत, रविन्द्र सिंह, श्रवण नेताम, जय गुप्ता, मनोज सिंह भदौरिया, दिनेश कुमार साहू, आर.बी.यादव, दीपक पटेल, अनुरूद्ध शुक्ला, रमेश साहू, शशि शेखर शर्मा, अरूण विश्वकर्मा, कमल किशोर पाण्डेय, अमित जायसवाल, अश्विनी झा, ओंकार नाथ त्रिपाठी व राजेश कश्यप मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।