शनिवार, 21 अगस्त 2021

नशे के कारोबारियों की सूचना पुलिस तक पहुंचाए, पुलिस करेगी सख्त कार्यवाही। सूरजपुर पुलिस ने मेडिकल स्टोर संचालकों की ली बैठक...........


सूरजपुर: प्रतिबंधित मादक दवाइयों के सेवन करने और युवाओं पर हो रहे इसके दुष्प्रभाव को देखते हुए पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता द्वारा बुधवार, 18 अगस्त को सूरजपुर के मेडिकल दुकान संचालकों की बैठक ली। बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक ने कहा कि युवा वर्ग में नशे की लत की लत बढ़ती जा रही है। नशे के कारण युवा वर्ग अपराध की ओर अग्रसर होता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझने की जरूरत है, हमें प्रयास करना चाहिए कि आज का युवा नशे का आदी न हो।

          पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी मेडिकल स्टोर के संचालकों को प्रतिबंधित दवाइयों को किसी भी स्थिति में े डॉक्टर के पर्चे के बिना विक्रय ना करने को कहा है। यदि ऐसी शिकायत मिलती है तो पुलिस विभाग द्वारा व ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी मेडिकल संचालकों से अपेक्षित सहयोग करने और सभी दवाइयों की निर्धारित मात्रा में से अधिक मात्रा का भंडारण नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा कि युवा को स्वस्थ रखने और उन्हें नशे की चपेट से दूर रखने के लिए पुलिस विभाग प्रतिबद्ध है। मेडिकल स्टोर संचालकों के निर्धारित दायित्व भी हैं जिनका उन्हें पालन करना चाहिए। बैठक में मेडिकल संचालकों ने कहा कि हम मेडिकल स्टोर संचालक खुद नशे के खिलाफ है, ऐसे लोग जो नशा करते है या उन्हें नशे की सामग्री उपलब्ध कराते है उनके विरूद्व कार्यवाही में पुलिस को हर संभव सहयोग करने की बात कही।

          बैठक में सूरजपुर के 18 मेडिकल स्टोर के संचालक शामिल हुए। इस दौरान एएसपी मुख्यालय पीएस महिलाने, सीएचएमओ डॉ. आर.एस.सिंह, स्थापना प्रभारी अखिलेश सिंह, ड्रग इंस्पेक्टर जयप्रकाश शर्मा, अमरेश तिर्की, बेनेडिक तिर्की आदि मौजूद थे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।