मंगलवार, 29 जून 2021

सूरजपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर अशोभनीय पोस्ट करने वाले शख्स को किया गिरफ्तार.......

युवती ने थाना प्रतापपुर में दर्ज कराया था रिपोर्ट।

सूरजपुर: दिनांक 29.04.21 को थाना प्रतापपुर क्षेत्र की एक युवती ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वाराणसी निवासी कृष्णा गुप्ता नाम के व्यक्ति से फेसबुक के माध्यम से जान पहचान हुई और मोबाईल के जरिए आपस में बातचीत होने लगी। इसी दौरान कृष्णा गुप्ता युवती से मिलने प्रतापपुर आया और पैसों की मांग किया जो इसने 60,000/- रूपये दिया। बातचीत के दौरान दोनों के बीच मन मुटाव होने पर कृष्णा गुप्ता इसका फर्जी फेसबुक एकाउण्ट बनाकर उस पर अशोभनीय शब्दों को प्रयोग करते हुए प्रार्थिया का नंबर एवं फोटो अपलोड़ कर दिया एवं टेक्स मैसेज एवं व्हाटसएप पर भी मैसेज किया, मना करने पर और अपलोड़ करने की धमकी देते हुए और 50000/- रूपये की मांग किया। प्रार्थियां की रिपोर्ट पर थाना प्रतापपुर में अपराध क्रमांक 90/2021 धारा 419, 384, 509ख भादवि व आईटी एक्ट की धारा 66 सीडी व 67 के तहत मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई।

          महिलाओं के विरूद्व हो रहे आपराधिक मामले तथा सोशल मीडिया पर अश्लील और आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा ने मामले की जांच एवं आरोपी की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी थाना प्रभारी प्रतापपुर को सौंपी और आरोपी के दिगर प्रान्त में होने से विधिवत् अनुमति के साथ पुलिस टीम को वाराणसी रवाना किया।

          एसडीओपी प्रतापपुर प्रशांत खाण्डे के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी प्रतापपुर विकेश तिवारी पुलिस टीम के साथ वाराणसी-उत्तरप्रदेश पहुंचे जहां नई तकनीक की मदद से ग्राम लालपुर में घेराबंदी कर आरोपी कृष्णा गुप्ता पिता त्रिवेणी गुप्ता उम्र 21 वर्ष निवासी लालपुर, वाराणसी उत्तरप्रदेश को पकड़कर थाना प्रतापपुर लाया गया। आरोपी ने पूछताछ में अपना गुनाह कबूल लिया, जिसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाईल बरामद कर विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

          इस कार्यवाही में थाना प्रभारी प्रतापपुर विकेश तिवारी, प्रधान आरक्षक राजेश यादव व आरक्षक अभय तिवारी सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।