शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

सूरजपुर पुलिस ने 64 हजार 594 रूपये के नशीली दवाईयों के साथ 2 को किया गिरफ्तार.....

पुलिस के द्वारा लगातार नशे के धंधे में संलिप्त लोगों पर कर रही कार्यवाही।

सूरजपुर: पुलिस अधीक्षक श्री राजेश कुकरेजा ने जिले में नशीले पदार्थ के क्रय-विक्रय पर अंकुश लगाने एवं इस प्रकार के अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों के विरूद्व सख्त कार्यवाही कर रही है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों नशे के धन्धे में लिप्त लोगों के विरूद्व कठोर कार्यवाही करने को लेकर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन भी सौंपा गया था।
          इसी परिपेक्ष्य में गुरूवार 23 जुलाई को थाना प्रभारी रामानुजनगर गोपाल धुर्वे को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि कोरिया जिले से एक सफेद रंग की 800 कार से दो व्यक्ति नशीली दवाई दवाई लेकर बिक्री करने हेतु ग्राम माजा की ओर आ रहे है, जिसकी सूचना से पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा को अवगत कराए जाने पर उन्होंने तत्काल रेड़ कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
          अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर व एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी रामानुजनगर ने पुलिस टीम के साथ रेड कार्यवाही हेतु ग्राम माजा यात्री प्रतीक्षालय के पास पहुंचकर घेराबंदी लगाई इसी दौरान मुखबीर के बताए अनुसार सफेद रंग की 800 कार में दो व्यक्ति आते दिखे जिन्हें घेराबंदी कर रोकवाया गया। दोनों से नाम पता पूछे जाने पर बाजारपारा, बैकुण्ठपुर जिला कोरिया निवासी 23 वर्षीय मोहम्मद इमरान पिता मो. इरफान एवं 23 वर्षीय प्रवीण प्रजापति पिता तेजीराम बताया। जिनके कब्जे से एक काला रंग के बैग एवं लाल रंग के झोला में आरसी कफ सिरप 55 नग एवं स्पास्मो प्रोक्सीवोन कैप्सूल 864 नग कीमत 64 हजार 594 रूपये एवं परिवहन में प्रयुक्त कार क्रमांक सीजी 04 जेडपी 0455 को जप्त कर अपराध क्रमांक 132/20 धारा 21बी एनडीपीएस एक्ट का अपराध पंजीबद्व कर विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
          पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि नशीली दवाईयों को कोरिया जिला से लाकर रामानुजनगर सहित आसपास के क्षेत्र में नशेड़ियों को वास्तविक कीमत से 8-10 गुना अधिक दर पर बिक्री कर लाभ अर्जित करते थे।
इस कार्यवाही में थाना प्रभारी रामानुजनगर गोपाल धुर्वे, एएसआई माधव सिंह, प्रधान आरक्षक हेमन्त सोनवानी, आरक्षक रामसागर साहू, हितेश्वर राजवाड़े, चन्द्रकुमार साहू, संतोष ठाकुर, बेचूराम सोलंकी, वेदप्रकाश राजवाड़े व रविशंकर साहू सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।