रविवार, 17 मई 2020

सूरजपुर पुलिस ने 76 हजार 5 सौ कीमत के चोरी के सामान के साथ 01 को किया गिरफ्तार....

आरोपी रात्रि में घर खुला देख चोरी की घटना को देता था अंजाम।

सूरजपुर: सूरजपुर पुलिस ने 76 हजार 5 सौ रूपये कीमत के मोबाईल, डीटीएच रिसिवर, लैपटाप व सोने के मांग टीका के साथ एक व्यक्ति को पकड़ा है जिसके विरूद्व धारा 41(1-4)जा.फौ./379 भादवि व धारा 457, 380 भादवि के तहत कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार किया है।
         रविवार 17 मई को थाना प्रभारी जयनगर दीपक पासवान को मुखबीर से सूचना मिली कि सिलफिली निवासी आकाश सिंह एक बैग में लेपटाप और मोबाईल लेकर बेचने हेतु ग्राहक की तलाश में गांव में घुम रहा है। जिसकी सूचना से पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा को अवगत कराए जाने पर उन्होंने थाना प्रभारी जयनगर को घेराबंदी कर पकड़ने के निर्देश दिए।
         थाना प्रभारी जयनगर पुलिस टीम के साथ मुखबीर सूचना की तस्दीक व कार्यवाही हेतु सिलफिली के गोड़पारा पहुंचे जहां आकाश सिंह पुलिस टीम को देखकर भागने लगा जिसे घेराबंदी कर पकड़ा गया एवं उसके बैग की तलाशी लिए जाने पर बैग से सैमसंग, जियो, विडियोकान के 3 नग मोबाईल, एयरटेल का डीटीएच रिसिवर 01 नग, एचपी कंपनी का लैपटाॅप 01 नग, सोने का मांग टीका 01 नग मिला जो चोरी का होने की पूर्ण अंदेशा पर धारा 41(1-4)जा.फौ./379 भादवि के तहत जप्त किया गया। पूछताछ पर आकाश सिंह ने बताया कि करीब 2 माह पूर्व मदनपुर निवासी कृष्णा राय व संतोष सरकार एवं अजिरमा निवासी बबलू सिंह के यहां से उक्त वस्तुओं को चोरी करना स्वीकार किया। जयनगर पुलिस ने इसके बाद पीड़ितों से सम्पर्क कर उन्हें बुलाया और उनसे सामानों की पहचान कराई। प्रार्थी कृष्णा राय के द्वारा थाना जयनगर में आकाश सिंह के विरूद्व धारा 457, 380 भादवि के तहत् अपराध दर्ज कराया। आरोपी आकाश सिंह पिता रामचन्दर सिंह उम्र 19 वर्ष निवासी गोड़पारा सिलफिली, थाना जयनगर से उपरोक्त वस्तुएं कीमत 76 हजार 5 सौ रूपये का जप्त उसे विधिवत् गिरफ्तार किया गया। पूछताछ पर आरोपी ने यह भी बताया कि वह रात्रि के समय घुमकर जिस किसी का भी घर खुला देखता था उस घर में घुसकर छोटी-बड़ी वस्तुओं को चोरी करता था।
          इस कार्यवाही में थाना प्रभारी जयनगर दीपक पासवान, एएसआई विराट विशी, आरक्षक दीपक दुबे, शिव राजवाड़े, ललन सिंह, नीरज झा सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।