रविवार, 17 मई 2020

सूरजपुर पुलिस ने प्रवासी मजदूरों के लिए कराई बिस्किट, पानी, भोजन एवं बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था....

मजदूरों के नंगे पाव देख उन्हें उपलब्ध कराई चरण पादुका।

विपदा की इस घड़ी में सूरजपुर पुलिस का एक छोटा सा विनम्र सेवाभाव।


सूरजपुर: कोरोना संक्रमण के बीच लॉक डाउन के कारण अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों में प्रवेश करने वाले प्रवासी मजदूरों, यात्री जो भीषण गर्मी में छत्तीसगढ़ आ रहें है और बिना चरण पादुका के सफर कर रहे है उनके लिए माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन ने सभी जरूरतमंदों को चरण पादुका का वितरण करने का आव्हान किया है। साथ ही माननीय डीजीपी एवं आईजीपी सर का भी लगातार प्रवासी श्रमिकों की मदद सहित अन्य कार्यो के संबंध में निर्देश एवं मार्गदर्शन प्राप्त हो रहे है। इसी कड़ी में पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा के मार्गदर्शन में जिले के सीमावर्ती चेक पोस्ट में प्रवासी मजदूरों को भोजन, पानी व जरूरतमंद श्रमिकों को चरण पादुका का वितरण किया जा रहा है साथ ही प्रशासन के सहयोग से श्रमिकों को उनके जिले के बार्डर तक पहुंचाने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी कराई जा रही है।
          कोरोना वायरस के संकट की घड़ी में संक्रमण को रोकने जिले के सरहद एवं चौक-चौराहों में पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा के नेतृत्व में एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी एवं एसडीएम सूरजपुर पुष्पेंद्र शर्मा के मार्गदर्शन में चौकी प्रभारी तारा राजेश तिवारी अपनी टीम के साथ कोरबा जिले के सरहद से लगे सूरजपुर जिला के तारा चेक पोस्ट पर 24 मार्च से चौबीसों घंटा मुस्तैदी से अपने कर्तव्य पथ पर तैनात है। इनकी टीम कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्राप्त समस्त निर्देशों का पालन करते हुए माननीय संवेदना को ध्यान में रखकर धैर्यतापूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर तारा चेक पोस्ट नेशनल हाईवे क्रमांक 130 पर स्थित है इस चेक पोस्ट से दूसरे प्रदेशों से आने वाले झारखंड, उत्तरप्रदेश एवं बिहार के प्रवासी मजदूर काफी संख्या में प्रतिदिन गुजरते है जिनके लिए भोजन, पानी, बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था एवं जरूरतमंद श्रमिकों को चरण पादुका वितरित की जा रही है। संकट की घड़ी में प्रवासी मजदूरों को मदद के साथ ही जिले की पुलिस सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने की समझाईश एवं उन्हें मास्क पहनने के लिए जागरूक कर मास्क का वितरण किया जा रहा है।
          समाज के सभी वर्ग इस विपत्ति के समय लोगों की मदद कर रहे है साथ ही पुलिस भी कोविड-19 से जारी जंग के बीच अपने कर्तव्यों के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों की मदद करते दिखाई दे रही है। जिले के चौकी तारा प्रभारी राजेश तिवारी व उनकी टीम के द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए बिस्किट, पानी, भोजन, छोटे बच्चों के लिए दूध एवं नंगे पांव वाले प्रवासी मजदूरों के लिए चरण पादुका की व्यवस्था कर रही है, साथ ही प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक भेजने बस से झारखंड बिहार एवं उत्तरप्रदेश के बॉर्डर तक भिजवाया जा रहा है।
         विपदा की इस घड़ी में पुलिस का यह एक छोटा सा विनम्र सेवाभाव है जिसके तहत श्रमिक भाईयों को मदद पहुंचाई जा रही है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।