शनिवार, 14 मार्च 2020

पुलिस अधीक्षक की त्वरित नाकाबंदी से चोरी के 10 लाख कीमत की ट्रक हुई बरामद........

शक्कर कारखाना केरता के पास से हुई थी ट्रक की चोरी

खड़गवां पुलिस ने रनहत जंगल से ट्रक को किया बरामद

सूरजपुर। 12 मार्च 2020 के देर रात्रि में गढ़वा झारखण्ड निवासी सत्तार अंसारी पिता बीराहिम अंसारी ने चौकी खड़गवां में आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि मां महामाया शक्कर कारखाना केरता के गेट नंबर 2 के बाहर खाली ट्रक क्रमांक सीजी 15 एसी 1349 को खड़ा कर खाना खाने के लिए होटल गया था वापस आने पर इसका ट्रक वहां नहीं था आसपास पता करने पर कोई जानकारी नहीं मिली। रिपोर्ट पर खड़गवां पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के विरूद्व धारा 379 भादवि के तहत् मामला पंजीबद्व किया। चौकी प्रभारी खड़गवां अजहरउद्दीन ने मामले की जानकारी से पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा को अवगत कराया। पुलिस अधीक्षक ने चोरी की वारदात को गंभीरता से लेते हुए जिले तथा जिले के सरहदी थाना क्षेत्रों में त्वरित नाकाबंदी लगवाई एवं एसडीओपी प्रतापपुर राकेश पाटनवार, थाना प्रभारी प्रतापपुर विकेश तिवारी एवं चौकी प्रभारी खड़गवां अजहरउद्दीन को शक्कर कारखाना से जिले के बाहर जाने वाले अलग-अलग रास्तों पर वाहन एवं आरोपी की पतासाजी करने हेतु रवाना किया।
               चौकी प्रभारी खड़गवां अजहरउद्दीन पुलिस टीम के साथ प्रतापपुर-सिलौटा ओर वाहन एवं आरोपी की पतासाजी के लिए रवाना हुए इसी दौरान पुलिस टीम को मुखबीर से सूचना मिली कि एक खाली ट्रक सिलौटा होते हुए चलगली की ओर जा रहा है। सूचना पर पुलिस की टीम चलगली थाना क्षेत्र के ग्राम रनहत की ओर रवाना हुई। जिले की पुलिस के चौतरफा दुरूस्त नाकाबंदी एवं सतत् पेट्रोलिंग के फलस्वरूप आरोपी वाहन को ग्राम रनहत के जंगल में छोड़कर भाग गया। मौके से खड़गवां पुलिस की टीम ने ट्रक क्रमांक सीजी 15 एसी 1349 कीमत 10 लाख रूपये को बरामद कर लिया है। शक्कर कारखाना के पास से ट्रक चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले अज्ञात व्यक्ति की पतासाजी खड़गवां पुलिस के द्वारा की जा रही है।

इस कार्यवाही में एसडीओपी प्रतापपुर राकेश पाटनवार, थाना प्रभारी प्रतापपुर विकेश तिवारी, चौकी प्रभारी अजहरउद्दीन, प्रधान आरक्षक विशाल मिश्रा, विशाल गुप्ता, आरक्षक कृष्णकांत पाण्डेय, शोभनाथ कुशवाहा, अभय तिवारी व इन्द्रजीत सिंह सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।