गुरुवार, 14 नवंबर 2019

उधार के पैसों के विवाद पर हुई थी हत्या, 01 आरोपी गिरफ्तार, प्रतापपुर पुलिस की कार्यवाही..........

सूरजपुर। गत् 11 सितम्बर 2019 को ग्राम केंवरा थाना प्रतापपुर निवासी सोनामति यादव ने थाना प्रतापपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसका पति जगरोपन यादव गांव तरफ से घुमकर आता हॅू, खाना बनाकर रखना कहकर निकला था जो घर वापस नहीं आया। आस-पड़ोस में पता करने के दौरान इसके पति का चप्पल एवं तम्बाखू का डब्बा तालाब के पास दिखा तो इसने हल्ला-गुल्ला करने लगी जिस पर गांव वालों के सहयोग से इसके पति को तालाब से बाहर निकाला गया। जगरोपन के मुंह एवं नाक से काफी मात्रा में खून जैसा द्रव्य बाहर निकल रहा था। प्रार्थिया की रिपोर्ट पर थाना प्रतापपुर में मर्ग क्रमांक 70/19 धारा 174 जा.फा.ै कायम कर मर्ग जांच पंचनामा कार्यवाही में लिया गया। विगत 02 माह से लगातार संदेही एवं गवाहों से पूछताछ की जा रही थी, किन्तु मृतक की मौत के संबंध में कोई सुराग नहीं मिल रहा था।
मर्ग सदर की संदेहास्पद परिस्थिति को देखते हुये पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा ने मर्ग जांच के गवाहों के कथनों को बारीकी से जोड़कर एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर जांच करने के निर्देश प्रतापपुर पुलिस को दिए थे।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर व एसडीओपी प्रतापपुर राकेश पाटनवार के मार्गदर्शन में प्रतापपुर की पुलिस के द्वारा मर्ग सदर के गवाहों के कथनों एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर बुधराम गोंड़ पर संदेह होने से हिरासत में लेकर बारीकी से पूछताछ करने पर बुधराम गोंड़ पिता गेदा गोंड़ उम्र 45 वर्ष साकिन केंवरा पण्डोपारा के द्वारा जगमोहन को उधार में समूह का पैसा 500 रूपये दिया था जिसे मांगने की पर नहीं देने की बात पर झगड़ा-विवाद होने से आरोपी द्वारा जगरोपन के गर्दन को पकड़कर तालाब के पानी में सिर को डुबाकर हत्या कर देना स्वीकार किया। मर्ग जांच पर हत्या का अपराध घटित होना पाये जाने से अपराध क्रमांक 172/19 धारा 302 भादवि का अपराध कायम कर आरोपी बुधराम गोंड को विधिवत् गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है।
कार्यवाही एसडीओपी प्रतापपुर राकेश पाटनवार के नेतृत्व में हुई जिसमें थाना प्रभारी प्रतापपुर के.पी.चैहान, प्रधान आरक्षक संतोष सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, आरक्षक प्रवीण सिंह, विकास सोनी, निरंजन एक्का व भागवत दयाल पैंकरा सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।