मंगलवार, 9 जुलाई 2019

चलित थाना के माध्यम से ग्रामीणों को धोखाधड़ी से बचाव की दी जा रही जानकारी.....

जमीन संबंधी विवाद कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से कराए निराकरण

सूरजपुर। नगर सहित दुरस्त ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणजनों के समस्या, शिकायतों को मौके पर सुनकर उसका यथासमय उचित निराकरण करने हेतु चलित थाना लगाने के निर्देश पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल ने जिले के थाना-चौकी प्रभारियों को दिए थे। 
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर व सीएसपी डी.के.सिंह के मार्गदर्शन में मंगलवार 09 जुलाई को चौकी प्रभारी करंजी प्रमोद पाण्डेय के द्वारा सामुदायिक पुलिसिंग अन्तर्गत ‘‘सहयोग’’ के बैनर तले ग्राम रूनियाडीह के अटल चौक के पास चलित थाना का आयोजन किया गया। चलित थाना में पंच, सरपंच, ग्राम रक्षा समिति के सदस्य एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे। चलित थाना के दौरान ग्रामीणों की समस्या व शिकायतों को सुना तथा मौके पर ही निराकरण किया। उपस्थित ग्रामीणों के द्वारा चौकी प्रभारी को अवगत कराया गया कि विद्युत विभाग से ट्रान्सफार्मर लगने आया हुआ है किन्तु उसे लगाने के स्थान को लेकर विवाद है जिस पर चौकी प्रभारी प्रमोद पाण्डेय ने पहल करते हुए ग्रामीणों को कहा कि ट्रांसफार्मर लग जाने से बिजली एवं लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगा। ग्रामीणों को आवश्यक समझाईश एवं आपसी सहमति के आधार पर ट्रान्सफार्मर को गणेश पण्डाल के सामने रिक्त भूमि का चयन कर लगवाया गया। चलित थाना के दौरान ग्रामीणों को जमीन संबंधी विवाद को कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से निपटारा कराने, मोबाईल एवं इंटरनेट के माध्यम से हो रहे ठगी से सावधान रहने, यातायात नियमों का पालन करने की समझाईश दिया गया। ग्रामवासियों के द्वारा ग्राम को नशा मुक्त बनाने के संबंध में चर्चा किए। चौकी प्रभारी के द्वारा पुलिस को सहयोग करने की बात कहे जाने पर ग्रामवासियों ने एक सुर में पूर्ण रूप से पुलिस को हरसंभव सहयोग करने की बात कही। 
चलित थाना के दौरान प्रधान आरक्षक रघुवंश सिंह, सरपंच ग्राम रूनियाडीह श्रवण सिंह, उप सरपंच ओमप्रकाश राजवाड़े, ग्राम रक्षा समिति के सदस्य इजराईल खान, पंच कृष्णा सिंह, श्याम जीत राजवाड़े, सहदेव सिंह, सुखदेव, आकाश सिंह, जितेन्द्र सारथी, शिव प्रकाश सहित काफी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।