सोमवार, 18 जून 2018

7 लाख की धोखाधड़ी करने वाला आरोपी गिरफ्तार


सूरजपुर। सूरजपुर नगर के महावीर गली निवासी शंकर जिंदिया पिता सुरेश जिंदिया द्वारा दिनांक 10/08/2017 को थाना सूरजपुर में लिखित शिकायत प्रस्तुत किया गया था कि दिनांक 06.06.1616 को उदय तिवारी नामक व्यक्ति इसके दुकान में आकर स्वयं को एनसीसीडीएफआईएल का जीएम बताकर उज्जवला योजना अन्तर्गत एलईडी बल्ब वितरण में जिला सूरजपुर में शंकर जिन्दिया को प्रभार देने के नाम पर 100 रूपये के स्टाॅम्प पेपर पर एग्रीमेंट कराकर धोखे एवं छलपूर्वक 7 लाख रूपये लेकर फरार हो गया है रिपोर्ट पर थाना सूरजपुर में 10.08.17 को आरोपी उदय नाम व्यक्ति के विरूद्ध अपराध क्रमांक 310/17 धारा-420 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर फरार आरोपी का पतासाजी किया जा रहा था।
            पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस. जायसवाल द्वारा जिला मुख्यालय में इस प्रकार के हुये धोखाधड़ी के मामले को गंभीरता से लेते हुये प्रकरण के आरोपी की पतासाजी कर शीघ्र गिरफ्तार करने एवं जिले में अन्य धोखाधड़ी के मामलों के फरार आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिये थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मेघा टेंभुरकर एवं सीएसपी डी.के.सिंह के मार्गदर्शन में थाना सूरजपुर पुलिस के द्वारा आरोपी की पतासाजी की जा रही थी। इसी दौरान मुखबीर से आरोपी के बिलासपुर में होने की जानकारी हुई जिस पर थाना प्रभारी सूरजपुर दीपक पासवान के द्वारा अारोपी को पकड़ने पुलिस टीम बिलासपुर भेजी गई, पुलिस टीम के द्वारा आरोपी उदय तिवारी पिता रघुनंदन तिवारी उम्र 57 वर्ष को बिलासपुर से पकड़कर पूछताछ हेतु थाना सूरजपुर लाई। आरोपी उदय तिवारी से पूछताछ करने पर शंकर जिन्दिया से धोखाधड़ी कर 7 लाख रूपये लेना एवं उक्त रकम को एनसीसीडीएफआईएल कंपनी में फंस जाना बताया। आरोपी के द्वारा अपना जुर्म स्वीकार करने पर आरोपी उदय तिवारी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।पूछताछ में आरोपी ने बताया कि सूरजपुर के अलावा इसी प्रकार से अम्बिकापुर एवं खरसिया में भी धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। 
          इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर दीपक पासवान,उप निरीक्षक नीलाम्बर मिश्रा, एएसआई मनोज सिंह, संजय सिंह, प्रधान आरक्षक रामनिवास तिवारी, आरक्षक युवराज यादव, कपिल साडिल्य, दरश देवांगन, वसीम राजा एवं चन्द्रकुमार साहू सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।