गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025

ऑनलाइन ठगी का शिकार होते ही तुरंत 1930 पर करें कॉल, समय पर शिकायत से बच सकती है आपकी मेहनत की कमाई-कलेक्टर सूरजपुर। मजबूत पासवर्ड का करें प्रयोग, साईबर अपराधी अपने मंसूबों में होंगे नाकाम, कमजोर पासवर्ड को रखना साईबर अपराध को निमंत्रण देना है-डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर।

 

सूरजपुर। साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है, साइबर फ्राड एक गंभीर समस्या है जो लोगों को बड़े पैमाने पर ठग रही है। ऐसे अपराधों से बचने के लिए लोगों को व्यक्तिगत जानकारी साझा करने, अनजान एप डाउनलोड करने और किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश का जवाब देने से बचना चाहिए, स्वस्थ्य एवं सुरक्षित जीवन के लिए नशे से दूरी और यातायात नियमों के क्या मायने है उसकी जानकारी सोमवार, 08 सितम्बर 2025 को रेवती रमण मिश्र महाविद्यालय में एक दिवसीय सड़क सुरक्षा, नशा मुक्ति एवं साइबर अपराध से बचाव के लिए आयोजित सेमीनार के दौरान कलेक्टर व डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर ने छात्रों को जानकारी दी। सेमीनार में साइबर सुरक्षा, यातायात और नशे से बचाव को लेकर पोस्टर, भाषण, नारा लेखन एवं निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
              सेमीनार में छात्रों को नशा न करने के प्रति जागरूक किया गया, छात्रों को कहा गया कि यदि उनके गांव में कोई व्यक्ति नशा करता है या नशा बेचता है तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस थाना में दें। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। छात्रों से अपील किया गया कि वो नशे से दूर रहकर पढाई और खेलों में अपने परिवार, प्रदेश और देश का नाम रोशन करें। यातायात नियमों को अपनाकर सुरक्षित सफर करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
         कलेक्टर सूरजपुर श्री एस.जयवर्धन ने साइबर अपराधों से बचाव की जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी लालच या जल्दबाज़ी में आकर कोई ऑनलाइन लेन-देन न करें और सतर्कता को अपनी आदत बनाएं। ठगी होते ही तुरंत 1930 पर कॉल करें। साइबर अपराध से जुड़े मामलों में समय पर की गई शिकायत से ठगी गई रकम वापस मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है। मोबाईल का उपयोग पढ़ाई कर सफलता हासिल करने में करें। नशे से दूरी बनाने और यातायात नियमों का पालन क्यों जरूरी है बताया।
           डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने छात्रों को कहा कि साइबर ठग तभी सफल होते हैं जब हमें साइबर सुरक्षा को लेकर ज्ञान नहीं होता कि साइबर फ्राड होने पर क्या करना है और क्या नहीं करना है। सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। साइबर ठग रोज नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने में लगे हुए हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग खुद सतर्क रहें और जागरूक बनें। यही सबसे बड़ा बचाव का तरीका है। उन्होंने कहा याद रखें कि ठगी के शिकार होते ही देर न करें, तुरंत 1930 पर कॉल करें। आपकी सतर्कता ही आपके पैसों की सुरक्षा है। नशे को ना और जीवन को हॉ के क्या मायने है उसे विस्तार से बताया और नशा से दूरी बनाकर जीवन में अपने लक्ष्यों को हासिल करने प्रोत्साहित किया।
            कार्यक्रम को विद्यालय के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष यशवंत सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में सीएसपी एस.एस.पैंकरा, थाना प्रभारी सूरजपुर विमलेश दुबे, यातायात प्रभारी बृजकिशोर पाण्डेय, महाविद्यालय के प्राचार्य एच.एन.दुबे, कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य बृजलाल साहू, प्रोफेसर सी.बी.मिश्रा, शिक्षकगण, छात्रा-छात्राएं मौजूद रहे।
साइबर फ्राड से बचने के लिए निम्न बातों का भी ध्यान रखे।
              डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर ने साइबर सुरक्षा के कुछ जरूरी बाते बताई जिनमें 1. अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट व बैंकिंग एप्स को सुरक्षित लॉक करके रखें। 2. अपनी निजी जानकारी को किसी भी व्यक्ति से सांझा करने से बचें। 3. मल्टी फैक्टर ओथेंटिकेशन का प्रयोग करें। 4. अपना पासवर्ड स्ट्रांग रखें तथा किसी के साथ ओटीपी या अन्य जानकारी सांझा ना करें। 5. किसी भी प्रकार की एप्प को सतर्कता के साथ युज करें। 6. सर्विस डिलीवरी टोल फ्री नंबर गुगल पे सर्च करते समय नंबर ऑफिसियल वेबसाइट से ही ले। अगर लापरवाही के कारण कोई साइबर ठगी का शिकार हो जाता है तो राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन न. 1930 पर तुरंत कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवाएं। इसके अतिरिक्त नजदीकी थाने में जाकर भी शिकायत कर सकते हैं।

प्रतियोगिता के विजेता।
          साइबर सुरक्षा, यातायात और नशे से बचाव को लेकर पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम सुनीता, द्धितीय निहिरा किशोर, तृतीय ममता राजवाड़े, भाषण प्रतियोगिता में प्रथम साक्षी गुप्ता, द्धितीय सिमरन राजवाड़े, तृतीय बुशरा फातमा सिद्धिकी, नारा लेखन प्रतियोगिता में प्रथम रूपा कुमारी, द्धितीय लक्ष्मी सिरदार, तृतीय खुशबू यादव, निबंध प्रतियोगिता में प्रथम शिवशंकर राजवाड़े, द्धितीय श्वेता शुक्ला, तृतीय सुकांक्षा तिवारी व खुशी पैंकरा रहे जिन्हें कलेक्टर व डीआईजी/एसएसपी ने स्मृति चिन्ह प्रदाय कर सम्मानित किया।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।