मंगलवार, 1 जुलाई 2025

सूरजपुर पुलिस के अधिकारी व जवान रात्रि गश्त में बड़ी संख्या में एक साथ उतरे सड़कों पर, 203 संदिग्धों को चेक किया, 28 को थाना पकड़कर लाया और कड़ी चेतावनी देकर छोड़ा, 68 निगरानी व गुण्डे बदमाशों को अपराध से दूर रहने दी गई कड़ी हिदायत।

 

सूरजपुर। सूरजपुर पुलिस की सशक्त रात्रि गश्त का असर नजर आने लगा है। रात्रि गश्त के दौरान पुलिस ने 203 संदिग्धों/सजायात व्यक्तियों को चेक किया, 28 की धरपकड़ कर थाना लाया और कड़ी पूछताछ कर छोड़ा गया तथा 68 निगरानी, गुण्डा व माफी बदमाशों की चेकिंग कर उन्हें सख्त लहजे में अपराधिक गतिविधियों से दूर रहने की हिदायत दी गई।
              अपराधों की रोकथाम, आमजनों की सुरक्षा, शांती एवं कानून व्यवस्था को पुख्ता रखने, अपराधियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही हेतु रात्रि गश्त का सशक्त तौर पर करने के सख्त निर्देश डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने पुलिस अधिकारियों को दिए थे।
              शनिवार, 28-29.06.2025 की दरम्यानी रात्रि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो के मार्गदर्शन में सूरजपुर क्षेत्र में सीएसपी एस.एस.पैंकरा, अनुभाग प्रेमनगर क्षेत्र में एसडीओपी नरेन्द्र सिंह पुजारी, अनुभाग ओड़गी क्षेत्र में एसडीओपी राजेश जोशी, अनुभाग प्रतापपुर में एसडीओपी सौरभ उईके, भटगांव क्षेत्र में डीएसपी रितेश चौधरी, विश्रामपुर क्षेत्र में एसडीओपी अभिषेक पैंकरा व डीएसपी अनूप एक्का के नेतृत्व में सभी थाना-चौकी प्रभारी व पुलिस लाईन के 350 से अधिक अधिकारी व जवानों ने रात्रि गश्त किया।

              इस दौरान जिलेभर में गश्त कर दबिश देकर 203 संदिग्धों/सजायात को चेक किया गया, 28 लोगों को पकड़कर थाना लाया गया, सख्ती से पूछताछ के बाद इन्हें कड़ी चेतावनी के बाद छोड़ा गया, रात्रि में 45 घुमते हुए पाए गए लोगों की भी सघन पूछताछ कर जांच की गई। रात्रि गश्त में 68 निगरानी, माफी व गुण्डा बदमाश को चेक करने पर यह सभी अपने घर पर मिले जिन्हें अपराध से दूर रहने की कड़ी हिदायत दी गई और उनके मोबाईल नंबर की जानकारी लेते हुए जीवन यापन के कार्यो की बारीकी से जानकारी ली गई। रात्रि गश्त के दौरान पुलिस टीमों के द्वारा विद्यालय परिसर, जिला चिकित्सालय और बस स्टैण्ड, बैंक एवं एटीएम की आकस्मिक जांच की गई। शहर के चौक-चौराहों पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों की चेकिंग की गई।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।