शनिवार, 14 जून 2025

सूरजपुर पुलिस ने जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों को दिया नवीन आपराधिक कानूनों की बारीकियों का प्रशिक्षण।

सूरजपुर। नवीन आपराधिक कानूनों की ज्ञान जितनी अधिक होगी उतना ही बेहतर कार्य संपादित किया जा सकेगा। प्रशासन के सभी विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को नवीन आपराधिक कानूनों की बारीकियों से प्रशिक्षित करने सूरजपुर पुलिस के द्वारा 05 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय ऑडिटोरियम भवन में जारी है।
            शुक्रवार, 06 जून 2025 को प्रशिक्षण सत्र के दौरान डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने कहा कि पुलिस और प्रशासन को नवीन आपराधिक कानूनों की पूर्ण जानकारी होना बेहद जरूरी है। कानूनों के प्रशिक्षण से हम पीड़ितों की मदद् करने के साथ ही आपराधिक कृत्य वाले व्यक्ति को सजा दिला पायेंगे। उन्होंने नवीन आपराधिक कानून बीएनएस, बीएनएसएस, बीएसए के प्रमुख बिन्दुओं के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि हर किसी को सदैव सीखते और पढ़ते रहना चाहिए ऐसा करते रहने से नए जानकारियों से अपडेट रहेंगे और कार्य में दिक्कत नहीं आयेगी। कार्यवाहियों के दौरान त्रुटियों से बचने, साक्ष्य संकलन की सावधानियों, फोटोग्राफी-विडियोग्राफी की उपयोगिता, विडियों कांन्फ्रेसिंग से गवाही कराने सहित डिजिटल साक्ष्य के बारे में विस्तार से बताया।
           प्रशिक्षण में मास्टर्स ट्रेनर एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी, डीएसपी रितेश चौधरी, एसआई विराट विशि, एएसआई सुनील भारती ने नवीन कानूनों, अपराध विवेचना एवं नए बदलाव के बारे में विस्तार से बताया। इस प्रशिक्षण में एसडीएम भैयाथान सागर सिंह, एसडीएम प्रतापपुर ललित भगत, तहसीलदार लटोरी, प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी-कर्मचारीगण मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।