बुधवार, 8 जनवरी 2025

स्कूली बच्चों को यातायात नियमों को जानकारी दे रहा है सूरजपुर पुलिस, बच्चों को रूको, देखों फिर सड़क पार करने दी समझाईश।

 

सूरजपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत कुमार ठाकुर के निर्देश पर नागरिकों एवं स्कूली छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पुलिस के अधिकारी व जवान स्कूल और कालेज में पहुंचकर विद्यार्थियों को यातायात नियमों की जानकारी देते हुए स्कूली वाहन के चालकों को भी सुरक्षित आवागमन के लिए समझाईश दे रही है। यातायात पुलिस सोमवार, 07 जनवरी 2025 को सरस्वती शिशु मंदिर सूरजपुर पहुंची। स्कूली बच्चों को समझाइश दी गई कि बगैर लाइसेंस दो पहिया वाहन नहीं चलाना चाहिए। वैध लाईविंग लायसेंस बनवाने के बाद ही दो पहिया वाहन चलाने, सड़क पर चलने के दौरान सावधानी बरतने। चौक चौराहों पर खड़े रहने वाले ट्रैफिक जवानों के इशारों पर नजर रखने ट्रैफिक नियमों को न तोड़ने की समझाइश दी गई। विद्यार्थियों को प्रेरित किया गया कि जब तक वह वाहन चलाने की आयु पूरी नहीं कर लेते उनका लाइसेंस नहीं बन जाता और बिना बीमा के कोई भी वाहन चलाने से परेशानी बढ़ सकती है। स्कूल सहित शहर के स्कूली वाहनों के चालकों को बच्चों को सुरक्षित आवागमन को लेकर निर्देश दिए।

स्कूली बच्चों ने सीखा यातायात नियम की जानकारी - यातायात के जवान ने छात्र-छात्राओं को बताया कि बस, कार, ट्रेन या अन्य वाहन में बैठने पर अक्सर बच्चे जिद करते हैं कि उन्हें खिड़की वाली सीट चाहिए, ताकि वे बाहर का नजारा देख सके, इस दौरान वे अपना हाथ भी खिड़की के बाहर निकालते है जो बेहद खतरनाक होता है, बच्चों को ऐसा ना करने, सड़क पर न दौड़ने,  वाहन के ध्वनि पर ध्यान देने, सड़क पार करने से पहले सड़क के दाई व बाई तरफ देखे, सड़क पूरी तरह से साफ हो तो सावधानी के साथ सड़क पार करने की समझाईश दी।
               एसएसपी सूरजपुर ने बताया कि सड़क दुर्घटना के जोखिम को कम करने, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जरूरी है कि हम यातायात नियमों का पालन करें। ग्रामीण क्षेत्र के हाट बाजारों में यातायात नियमों से ग्रामीणों को अवगत कराया जा रहा है शहर सहित स्कूल-कालेजों में यातायात नियमों का पालन किस तरीके से करना है इस संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी जा रही है। इस दौरान एएसआई बृजकिशोर पाण्डेय, स्कूल के प्राचार्य, शिक्षकगण व स्कूली छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।